CM Hemant Soren: झारखंड के लिए अब तक शुरू किए गए कल्याणकारी उपायों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरूवार को कहा कि वह उन नेताओं और आम लोगों के सपनों को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिन्होंने एक अलग राज्य के निर्माण के लिए लड़ाई लड़ी थी. 74वें गणतंत्र दिवस पर दुमका पुलिस लाइन में तिरंगा फहराते हुए सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार को अपनी महत्वाकांक्षी योजना 'आपकी सरकार आपके द्वार' के तहत 55 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं.


सोरेन ने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार गरीबों, दलितों, अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए विशेष प्रयास कर रही है और इस उद्देश्य से न सिर्फ तमाम कल्याणकारी योजनाएं राज्य में लागू की गयी हैं बल्कि पिछले वर्ष ही राज्य में पुरानी पेंशन योजना लागू कर दी गयी.


उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के द्वारा हरा राशन कार्ड, बिरसा हरित ग्राम योजना, वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना, फूलो-झानों आशीर्वाद अभियान, मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना, सोना-सोबरन धोती-साड़ी वितरण योजना, छात्रवृत्ति योजना, सर्वजन पेंशन योजना जैसी कई लोक कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से गरीबों तथा जरूरतमंदों को लाभान्वित किया जा रहा है. हेमंत सोरेन ने कहा, ‘‘ हमारी सरकार ने एक अक्टूबर, 2022 से राज्य में पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को लागू कर दिया. अब राज्य सरकार के कर्मियों के चेहरे पर मुस्कान है और वे अपने भविष्य को लेकर आश्वस्त हैं.’’


उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय व्यक्ति को परिभाषित करने एवं सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा पिछड़ा वर्ग के लिए तय आरक्षण का प्रतिशत बढ़ाने के उद्देश्य से संबंधित दोनों विधेयकों को झारखंड विधानसभा से पारित कराया है. उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार ने अल्पसंख्यक विद्यालयों की बहुत पुरानी मांग को मानते हुए वित्त रहित शिक्षा नीति के तहत 46 स्वीकृत मदरसों एवं 33 स्वीकृत संस्कृत विद्यालयों के अनुमान्य अनुदान की राशि को बढ़ाकर दोगुना कर दिया है.’’


सोरेन ने कहा कि 10वीं-12वीं कक्षा उर्त्तीण होने के बाद आर्थिक कारणों से उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित होने वाले राज्य के छात्रों को आर्थिक सहायता प्रदान करने हेतु ‘गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना’ की शुरूआत की गई है. इस योजना के तहत छात्रों को बैंकों के माध्यम से चार फीसदी साधारण ब्याज की दर से अधिकतम 15 लाख रूपये तक की राशि ऋण के रूप में उपलब्ध कराने का प्रावधान है.


उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार ने राज्य की बालिकाओं के कल्याण के लिए सावित्रीबाई फूले किशोरी समृद्धि योजना प्रारंभ की है. इस योजना के तहत प्रत्येक बालिकाओं को 40,000 रुपये तक की सहायता राशि प्रदान की जा रही है. वित्तीय वर्ष 2022-23 में अब तक कुल साढ़े पांच लाख बालिकाओं को योजना का लाभ दिया गया है. दुमका प्रक्षेत्र में अबतक इस योजना से 1.3 लाख बालिकाओं को लाभान्वित किया गया है.’’


मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना के तहत प्रभावित व्यक्तियों की चिकित्सा हेतु देय सहायता अनुदान राशि को पांच लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया गया है. साथ ही पूर्व से स्वीकृत असाध्य रोगों की सूची में अन्य असाध्य रोगों को भी शामिल किया गया है.


उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के तहत कुल लगभग 34 लाख लाभार्थियों को प्रतिमाह प्रति लाभुक 1000 रुपये पेंशन राशि का भुगतान किया जा रहा है. राज्य सरकार द्वारा संचालित सर्वजन पेंशन योजना के अन्तर्गत 20 लाख से अधिक वृद्धा, विधवा एवं दिव्यांग जनों को पेंशन का भुगतान किया जा रहा है.


इसी प्रकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम से अनाच्छादित पात्र लोगों को खाद्यान्न उपलब्ध कराए जाने के उद्देश्य से झारखंड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना चलाई जा रही है, इस योजना के तहत 15 लाख 26 हजार से अधिक लाभार्थियों को एक रुपये प्रति किलोग्राम की अनुदानित दर से चावल उपलब्ध कराया जा रहा है.


मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में इस वर्ष सामान्य से काफी कम वर्षा के कारण खरीफ मौसम में रोपाई-बुआई पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है जिससे सरकार ने राज्य के 22 जिलों के कुल 226 प्रखण्डों को सूखाग्रस्त घोषित किया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सूखा राहत योजना के तहत वैसे कृषक जिन्होंने इस वर्ष बुआई नहीं की है या जिनकी फसल 33 प्रतिशत से अधिक बर्बाद हुई है या वे भूमिहीन कृषक मजदूर हैं, उनको प्रति कृषक परिवार 3500 रुपये खाते में हस्तांतरित किये जा रहे हैं.


उन्होंने कहा कि झारखंड कृषि ऋण माफी योजना के तहत अबतक लगभग चार लाख 20 हजार लोगों का कुल 1671 करोड़ रुपये का ऋण माफ किया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आप सभी से आग्रह है कि इस गणतंत्र दिवस के अवसर पर हम एक ऐसा झारखंड बनाने का संकल्प लें जो उन सपनों एवं आशाओं के अनुरूप हो, जिसके लिए काफी त्याग और बलिदान के बाद इस राज्य का सृजन हुआ.’’


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