Jammu Kashmir News: जिंदगी हर किसी को दूसरा मौका नहीं देती, लेकिन उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के एक युवा के लिए यह एक अच्छी खबर है, जिसकी जिंदगी एक राजनेता, एक पुलिस अधिकारी और जम्मू-कश्मीर के एलजी के हस्तक्षेप से बदल गई.

कुपवाड़ा के खुमरियाल के 19 वर्षीय जुबैर-उल-इस्लाम भट ने प्रतिष्ठित NEET परीक्षा उत्तीर्ण की है और अब वह डॉक्टर बनने के लिए MBBS की अपनी डिग्री हासिल करेगा. जुबैर करीब एक साल पहले कठोर सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (PSA) के तहत कारावास की कगार पर खड़ा था.

क्या था जुबैर पर आरोप?

जुबैर को पिछले सितंबर में पुलिस ने संदिग्ध फोन गतिविधि और VPN का उपयोग करने के आरोप में हिरासत में लिया था. हालांकि पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन के हस्तक्षेप के बाद कहानी बदल गई.

लोन ने जुबैर-उल-इस्लाम भट की संघर्ष की कहानी सोशल मीडिया पर शेयर की है. उन्होंने कहा, ''ज़ुबैर ने शैक्षणिक रूप से बहुत उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है. लेकिन ज़ुबैर सिर्फ एक लड़का नहीं है जिसने NEET पास कर लिया है. ज़ुबैर की ज़िंदगी एक कहानी है. और मैं भी उस कहानी का हिस्सा हूं. मेरा ज़ुबैर से एक खास रिश्ता है. एक साल पहले गहरे अंधेरे में डूबे इस बच्चे ने आज वापसी की है और अब वो एक मेडिकल करियर की ओर बढ़ चला है.''

हंदवाड़ा से विधायक सज्जाद गनी लोन ने कहा, ''एक साल पहले ज़ुबैर को PSA (पब्लिक सेफ्टी एक्ट) के तहत बुक किया जाने वाला था. डोज़ियर तैयार हो चुका था. उसके परिवार ने मुझसे संपर्क किया. वो उम्र में मेरे बच्चों से कुछ ही बड़ा है. मुझे नहीं पता क्या हुआ, लेकिन मैं इस बात से पूरी तरह आश्वस्त था कि जुबैर को बचाना है. मुझे यकीन था कि जुबैर खास है, वो अकादमिक रूप से बेहतरीन कर सकता है और एक शानदार करियर बना सकता है. वो एक मौका डिजर्व करता है.''

SSP से बातचीत में दिया भरोसा

उन्होंने कहा, ''मैं SSP कुपवाड़ा के पास गया. उन्हें शुरुआत में काफी हिचकिचाहट थी. मैंने ज़ुबैर के व्यवहार की व्यक्तिगत जिम्मेदारी लेने की पेशकश की. हम कई बार फोन पर बात करते रहे, और बातचीत अक्सर असहमति पर खत्म होती.''

लोन ने कहा, ''मुझे आज भी वो कॉल याद है जब SSP कुपवाड़ा ने मुझे फोन किया और कहा कि उन्होंने इस पर विचार किया है और अब वो भी मानते हैं कि जुबैर को एक मौका मिलना चाहिए. SSP कुपवाड़ा को बधाई. उनका फैसला कि जुबैर को रिहा किया जाए, इसका मतलब है कि उन्होंने समाज को एक डॉक्टर दिया है.''

सज्जाद गनी लोन ने कहा, ''मैं कभी इस बात को सार्वजनिक नहीं करना चाहता था. लेकिन ज़ुबैर की कहानी प्यार और करुणा की जीत की कहानी है. शायद इस कहानी में कोई संदेश छिपा है. मुझे उम्मीद है कि हमारे नीति-निर्माता इस संदेश को समझेंगे. जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल का धन्यवाद, क्योंकि शीर्ष अधिकारियों की सहमति के बिना यह कभी संभव नहीं हो सकता था. कश्मीर में जीत प्यार और करुणा में है. आइए हम सब ज़ुबैर की सफलता का जश्न मनाएं. यह प्यार और करुणा जैसे सिद्धांतों की जीत है.''