जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हिंदुस्तान बहुत बड़ी इकॉनमी है. ये हाथी की तरह है. लेकिन उस हाथी को, कहीं न कहीं पाकिस्तान के साथ दुश्मनी निभाने में हमारा पैसा जो डिफेंस पर खर्च होता है, उसने हमारे मुल्क की इकॉनमी को कमजोर कर रखा है. जब से ऑपरेशन सिंदूर हुआ आप ये सुनते हैं कि हमने कौन-कौन से हथियार खरीदे. अमेरिका से कौन से जेट्स खरीद रहे हैं, रूस से कौन से खरीद रहे हैं, तो सारा पैसा हमारा इसी में जा रहा है. ऐसे में इकॉनमी दिन-ब-दिन गिरती ही जाएगी. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 25 फीसदी टैरिफ पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्हों ये बात कही.

गरीबी हटाने की बात तो नहीं हो रही है- मुफ्ती

महबूबा मुफ्ती ने कहा, "हम अगले जंग की तैयारी कर रहे हैं. गरीबी कैसे हटाएं, बेरोजगारी कैसे दूर करें, अच्छे अस्पताल और अच्छे स्कूल कैसे बनाएं, इस पर तो कोई बात नहीं कर रहा है. अमेरिका और रूस से क्या लेना है, उसी पर बात हो रही है. गरीबी हटाने की बात तो नहीं हो रही है."

हमारी डोमेस्टिक पॉलिसी ही फॉरेन पॉलिसी है- मुफ्ती

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि संसद में किसी ने चीन का नाम नहीं लिया. हमारे मुल्क की लीडरशिप को सोचना पड़ेगा. जो हमारी डोमेस्टिक पॉलिसी है, वही हमारी फॉरेन पॉलिसी है. लोगों से वोट लेने और उन्हें खुश करने के लिए जो चलता है उसी को हमने फॉरेन पॉलिसी बनाया है. यही वजह है कि हम फॉरेन पॉलिसी में भी फेल होते जा रहे हैं. 

मालेगांव ब्लास्ट केस पर क्या कहा?

मालेगांव ब्लास्ट केस में कोर्ट के फैसले पर उन्होंने कहा कि जिस औरत ने महात्मा गांधी की तस्वीर को गोलियां मारी, जिसने कहा कि गोडसे मेरा गुरु है, उसके लिए बीजेपी के लोग पटाखे छोड़ रहे हैं और लड्डू बांट रहे हैं. 

जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम ने कहा कि इस वक्त अंबेडकर की जगह गोडसे का संविधान चल रहा है. ये लोग अंबेडकर के संविधान को खत्म कर रहे हैं और गोडसे का कानून चल रहा है. इस वक्त मुल्क में जो रहा है वो गोडसे की विचारधारा के हिसाब से हो रहा है. दुर्भाग्य से बीजेपी जिस तरह से जश्न मना रही है, ऐसे में आप क्या कह सकते हैं. कहीं रूल ऑफ लॉ नहीं है.