जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में अमरनाथ यात्रा के दौरान एक बड़ा सड़क हादसा हो गया. जानकारी के मुताबिक, श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर खुडवानी इलाके के पास तीर्थयात्रियों से भरी 3 बसों की टक्कर हो गई, जिसमें 10 से अधिक यात्री घायल हो गए. 

यह हादसा तब हुआ जब बालटाल की ओर जा रहा तीर्थयात्रियों का काफिला तछलू क्रॉसिंग के पास पहुंचा. घायलों को तत्काल नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद कई यात्रियों को अनंतनाग के सरकारी मेडिकल कॉलेज (GMC) में रेफर किया गया.

डॉक्टरों के बताया- घायलों को हालत स्थिरडॉक्टरों के अनुसार, अधिकांश घायलों को मामूली चोटें आई हैं और उनकी हालत स्थिर है. काइमोह अस्पताल के एक चिकित्सक ने बताया कि नौ तीर्थयात्रियों को प्राथमिक उपचार के बाद GMC अनंतनाग में आगे की जांच और औपचारिकताओं के लिए भेजा गया है. हादसे के बाद प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों ने इलाके में राहत एवं बचाव कार्य तेजी से शुरू किया, जिससे बड़ी संख्या में यात्रियों को समय पर मदद मिल सकी.

पूरे उत्साह से जारी है अमरनाथ यात्रा 

इस हादसे के बीच, अमरनाथ यात्रा पूरे उत्साह के साथ जारी है. यात्रा की शुरुआत 3 जुलाई को हुई थी और अब तक 1.82 लाख से अधिक श्रद्धालु पवित्र गुफा में दर्शन कर चुके हैं. रविवार को जम्मू से एक और जत्था 7,049 यात्रियों का दो काफिलों में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच कश्मीर के लिए रवाना हुआ. बालटाल और नुनवान (पहलगाम) दोनों आधार शिविरों की ओर तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ उमड़ रही है. साथ ही, पहलगाम में चढ़ी मुबारक (भगवान शिव की पवित्र गदा) का भूमि पूजन भी किया गया, जो 9 अगस्त को अमरनाथ गुफा पहुंचेगी.

पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा कड़ी, ‘ऑपरेशन शिवा 2025’ जारी

यात्रा की सुरक्षा को लेकर इस साल विशेष प्रबंध किए गए हैं. अप्रैल 2024 में पहलगाम के बैसारन में हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियां अत्यधिक सतर्क हैं. सेना ने ‘ऑपरेशन शिवा 2025’ के तहत 8,500 से अधिक सैनिकों को तैनात किया है. ड्रोन निगरानी, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम, काउंटर-ड्रोन तकनीक, मेडिकल सुविधाएं और बॉम्ब डिस्पोजल स्क्वॉड समेत बहुस्तरीय सुरक्षा घेरा तैयार किया गया है. 180 अतिरिक्त केंद्रीय सुरक्षा बलों की कंपनियां भी तैनात की गई हैं. 38 दिन चलने वाली यह यात्रा 9 अगस्त को रक्षाबंधन और श्रावण पूर्णिमा के दिन संपन्न होगी.

श्रद्धालु दो मार्गों- पारंपरिक पहलगाम मार्ग (46 किमी) और छोटा बालटाल मार्ग (14 किमी)- से गुफा तक पहुंचते हैं. इस साल सुरक्षा कारणों से हेलिकॉप्टर सेवाएं बंद हैं. अमरनाथ की पवित्र गुफा में स्थित बर्फ से बनी शिवलिंग हर साल चंद्रमा के आकार के साथ घटती-बढ़ती है और हिंदू धर्म में इसे भगवान शिव के अमर रहस्य की प्रतीक माना जाता है.