'मुझे डर है कि उन्हें मौत की सजा सुनाई जा सकती है', यासीन मलिक का जिक्र कर बोले सज्जाद लोन
Jammu Kashmir News: पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन ने कहा कि मैंने यासीन मलिक के बारे में महबूबा मुफ्ती की ओर से लिखा गया पत्र देखा. मुझे डर है कि उन्हें मौत की सजा सुनाई जा सकती है.

पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन ने जेल में बंद जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक की ओर से गृह मंत्री अमित शाह को 'दया याचिका' लिखने के लिए पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि यासीन मलिक ऐसा व्यक्ति नहीं है जो दया की याचना करे. इसके साथ ही लोन ने आशंका जताई कि यासीन मलिक को एनआईए अदालत द्वारा मौत की सजा सुनाई जा सकती है.
महबूबा मुफ्ती की ओर से लिखे गए पत्र पर सवाल उठाते हुए सज्जाद लोन ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि सद्बुद्धि आएगी. लेकिन जिस तरह से यासीन मलिक इस मामले में मुकदमा नहीं लड़ रहे हैं और उनकी राजनीति भी ऐसी ही रही है, मुझे डर है कि उन्हें मौत की सजा सुनाई जा सकती है."
'यासीन ऐसा व्यक्ति नहीं है जो दया की याचना करे'
उन्होंने आगे कहा, "मैंने यासीन मलिक के बारे में महबूबा मुफ्ती द्वारा लिखा गया पत्र देखा. मैं यासीन के साथ काम करता रहा हूं और उनके साथ ही गिरफ्तार हुआ था. वह ऐसा व्यक्ति नहीं है जो दया की याचना करे और खुशी-खुशी फांसी पर चढ़ जाए. वह (महबूबा) अब उनके लिए दया की याचना क्यों कर रही हैं, जबकि उन्होंने उन्हें एक अन्य मामले में अपहरणकर्ता के रूप में पहचाना है."
सज्जाद लोन ने की सियासी दलों की आलोचना
सज्जाद ने पाकिस्तान में हाफिज सैयद और अन्य लोगों के साथ मुलाक़ातों का मुद्दा उठाने के लिए राजनीतिक दलों की आलोचना करते हुए कहा कि उस समय चल रही शांति प्रक्रिया के तहत सब कुछ पारदर्शी तरीके से किया गया था.
यासीन को बलि का बकरा नहीं बनाना चाहिए- लोन
उन्होंने कहा, "वह ट्रैक टू डिप्लोमेसी का दौर था और जो कुछ भी हुआ, वह सबको पता था. यासीन हर प्रधानमंत्री से खुलेआम मिलता था. उसने हिंसा का रास्ता ऐसे समय में छोड़ा जब उसे अकल्पनीय माना जाता था और आज उसे उसी के लिए निशाना बनाया जा रहा है. राज्य (भारत सरकार) को यह बात याद रखनी चाहिए और उसे बलि का बकरा नहीं बनाना चाहिए."
अब्दुल्ला और मुफ्ती परिवार पर सज्जाद लोन का हमला
अब्दुल्ला और मुफ़्ती परिवार, दोनों पर हमला करते हुए सज्जाद लोन ने कहा, ''आज जिन मामलों में यासीन मलिक पर मुकदमा चल रहा है, वे वही मामले हैं जो उस समय दर्ज किए गए थे जब दोनों परिवार सत्ता में थे.'' सज्जाद ने आरोप लगाते हुए कहा, "उन दिनों ऐसी अफवाहें जोरों पर थीं कि हुर्रियत चुनाव लड़ने जा रही है. और उमर अब्दुल्ला की ताजपोशी बचाने के लिए, फारूक अब्दुल्ला ने यासीन और अन्य लोगों के खिलाफ कई मुक़दमे दायर किए थे.''
सज्जाद लोन ने महबूबा मुफ्ती पर उठाए सवाल
उन्होंने सवाल उठाया, ''आज उन्हीं मामलों में यासीन मलिक के लिए मौत की सजा की मांग की जा रही है, और उनमें से एक रुबिया सैयद के अपहरण का मामला है, जिसमें महबूबा मुफ्ती ने उसकी पहचान की थी. मुफ्ती और अब्दुल्ला दोनों ही जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालात और यासीन मलिक के लिए जिम्मेदार हैं और उन्हें यासीन के लिए रहम की मांग करके उनके बलिदान का अपमान नहीं करना चाहिए."
'यासीन को मौत की सजा भी सुनाई जाती है तो वे चुप नहीं बैठेंगे'
सज्जाद लोन ने ये भी कहा, ''अगर उन्हें मौत की सजा भी सुनाई जाती है, तो वे चुप नहीं बैठेंगे, बल्कि उससे पहले बोलेंगे, लेकिन मुझे उम्मीद है कि सद्बुद्धि आएगी और उन्हें फांसी नहीं होगी. उन्होंने अहिंसा के लिए पहले ही काफी कुछ किया है. हमें जनभावना और दीर्घकालिक उद्देश्यों, दोनों पर विचार करना चाहिए.
अलगाववादी खेमे के दूसरे शांतिदूतों की आलोचना करते हुए सज्जाद लोन ने कहा, ''कई लोगों ने बंदूक छोड़कर अहिंसा का रास्ता अपनाया. कुछ जेल में मर गए, कुछ अभी भी वहीं सड़ रहे हैं, जबकि कुछ 60 आदमियों के सुरक्षा घेरे में घूम रहे हैं, बिना यह बताए कि वे भारत के साथ हैं या पाकिस्तान के साथ. उन्होंने मीरवाइज का नाम लिए बिना अप्रत्यक्ष रूप से उनपर निशाना साधा.
Source: IOCL
























