जम्मू और कश्मीर में सोमवार रात जेल के महानिदेशक एचके लोहिया की हत्या के बाद एक बार फिर आतंकी घटनाओं और टारगेट किलिंग की बहस शुरू हो गई है. हालांकि पुलिस ने अभी तक हत्याकांड में किसी भी आतंकी साजिश से इनकार किया है और कहा है कि अभी इस मामले की जांच जारी है.

अगर ऐसा कोई आशंका होगी तो इस पहलू की भी जांच की जाएगी. पुलिस ने एचके लोहिया हत्याकांड में उनके नौकर यासिर को मुख्य आरोपी माना है और उसे गिरफ्तार भी कर लिया है. इसके साथ ही आरोपी से पूछताछ शुरू हो गई है. 

दीगर है कि केंद्र में भारतीय जनता पार्टी लगातार यह दावा करती रही है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद 370 के प्रावधान निरसित करने के बाद आतंकी घटनाओं में कमी आई है .

आइए हम आपको आंकड़ों के जरिए समझाते हैं कि इस दावे की हकीकत क्या है

घटनाएं अगस्त 2016 से जुलाई 2019 तक अगस्त 2019 से जुलाई 2022 तक अंतर
कितनी आतंकी घटनाएं? 530 422 20% कम
कितने निवासियों की मौत? 170 108 36% कम
कितने जवान शहीद हुए? 306 127 58% कम
कितने आतंकी मारे गए? 700 585 16% कम

5 अगस्त 2019 को केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार में गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरसित करने और अनुच्छेद 35 ए को निरस्त करने का विधेयक पेश किया था. राज्यसभा में विधेयक पास होने के बाद लोकसभा में भी यह पास हो गया.

इसके बाद राज्य से पूर्ण राज्य का दर्जा लेकर इसे केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर दिया गया. हालांकि बीजेपी लगातार दावा करती रही है कि आने वाले वक्त में वह जम्मू और कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा वापस कर देगी.