Jammu Kashmir Polititics: जम्मू-कश्मीर की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी पीडीपी शराब बिक्री के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान शुरू करेगी. शराब बिक्री के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान का शुभारंभ 22 फरवरी को श्रीनगर में होगा. पार्टी की युवा शाखा ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि अभियान की शुरुआत इल्तिजा मुफ्ती करेंगी. पीडीपी ने अभियान से जुड़ने का आह्वान किया है. बता दें कि कुपवाड़ा विधायक फैयाज अहमद मीर ने विधेयक पेश किया है. विधेयक में मादक पेय पदार्थों के विज्ञापन, बिक्री, खरीद, खपत और निर्माण पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की गई.

कुपवाड़ा विधायक के बाद पीडीपी ने हस्ताक्षर अभियान चलाने का फैसला लिया. एक्स पर पोस्ट में इल्तिजा मुफ्तीने कहा, "शराब और ड्रग्स जम्मू-कश्मीर में जीवन और परिवारों को बर्बाद कर रहे हैं. इससे पहले कि बहुत देर हो जाए, हमें इसे खत्म करने के लिए एक साथ आना चाहिए. कल सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे के बीच पीडीपी कार्यालय पहुंचकर शराब प्रतिबंध विधेयक का समर्थन करें." प्रस्तावित विधेयक में प्रतिबंध का उल्लंघन करने वाले को कारावास और भारी जुर्माने सहित कठोर दंड की सिफारिश की गई है. पीडीपी को नेशनल कॉन्फ्रेंस का समर्थन मिला है.

शराब की बिक्री के खिलाफ PDP ने खोला मोर्चा

विधायक अहसान परदेसी ने भी कश्मीर और जम्मू-कश्मीर के अन्य मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में शराब पर प्रतिबंध लगाने की मांग से जुड़ा बिल पेश किया है. अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) के विधायक शेख खुर्शीद ने भी जम्मू-कश्मीर में शराब पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए दोबारा बिल पेश किया है. प्रदेश कांग्रेस ने केंद्र शासित प्रदेश में शराब पर प्रतिबंध लगाने के उद्देश्य से लाए गए विधेयकों का पुरजोर समर्थन किया है. सीपीआई(एम), पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (पीसी) और बीजेपी ने भी केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है.

हस्ताक्षर अभियान से जुड़ने का किया आह्वान

विधायकों का कहना है कि शराब के साथ-साथ ड्रग्स की खपत खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) ने भी बड़ा खुलासा किया है. खुलासा जम्मू-कश्मीर में शराब की खपत के बढ़ते संकट को रेखांकित करता है. आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि केंद्र शासित प्रदेश में 15-49 आयु वर्ग के 10.5 फीसद पुरुष और 0.2 फीसद महिलाएं शराब का सेवन करती हैं. पिछले एक दशक में शराब की बिक्री से सरकार को भारी कमाई हुई है. राजस्व का आंकड़ा  991.55 करोड़ रुपये से बढ़कर 2486.34 करोड़ रुपये हो गया है. 

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