Pahalgam Terror Attack: पहलगाम की 'मिनी स्विट्जरलैंड' कही जाने वाली बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों ने अपनी जान गंवा दी, जबकि 17 लोग घायल हैं. मंगलवार (22 अप्रैल) शाम आतंकियों की इस कायराना हरकत से पूरा देश आक्रोशित है. इस हमले के बाद पहलगाम को खाली कर दिया गया. दहशत भरे माहौल के बीच की पर्यटक खुद वहां से चले गए.

- आतंकी की तस्वीर आई सामने कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को अंजाम देने वाले एक आतंकी की तस्वीर सामने आई है. उसके हाथ में एके-47 है. हालांकि, तस्वीर में आतंकी का चेहरा नहीं दिखा है, लेकिन उसे पीछे से हथियार लिए दौड़ते हुए देखा जा सकता है. 

- 26 लोगों की मौत, 17 घायलपहलगाम की बैसरन घाटी में घूमने आए लोगों पर आतंकियों ने गोलीबारी कर दी. इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई है, जबकि 17 लोग घायल हैं. ये वो लोग हैं जो अपने दोस्तों और परिवार के साथ एक खूबसूरत जगह पर शांति पाने और कुछ यादगार पल बिताने आए थे. 

- विरोध में जम्मू बंदपहलगाम में आतंकियों की कायराना हरकत में 26 लोगों ने जान गंवा दी है. इसको लेकर आज जम्मू-कश्मीर में सभी स्कूल बंद किए जाने का ऐलान किया गया है. वहीं, अलग-अलग हिन्दू संगठनों और राजनीतिक दलों ने बुधवार को पूरा जम्मू-कश्मीर बंद करने का आह्वान किया है.

- हेलीकॉप्टर से सर्च ऑपरेशनहमले के बाद शाम को ही इलाके की नाकाबंदी कर दी गई. बुधवार की सुबह होते ही श्रीनगर में NIA की टीम पहुंची, जहां से पहलगाम के लिए निकली. सेना का विशेष दस्ता पैराट्रूपर्स, जिन्हें पहाड़ों और जंगलों में ऑपरेशन करने का अनुभव होता है, वे घटनास्थल पर तैनात हैं और चप्पे-चप्पे की तलाश कर रहे हैं.  

बताया जा रहा है कि आतंकियों ने ओवरग्राउंड वर्कर्स की मदद से रेकी की थी और इस कायराना हरकत को अंजाम दिया. अब सवाल उठता है कि इस हमले के बाद आतंकी फरार कहां हो गए? उनकी तलाश में हेलीकॉप्टर के जरिए सर्च ऑपरेशन जारी है.

- आतंकियों की तलाश जारीपहलगाम के हमलावरों की तलाश तेज हो गई है. इंडियन आर्मी के साथ-साथ CRPF और जम्मू कश्मीर पुलिस का सर्च ऑपरेशन लगातार जारी है. आर्मी की विक्टर फोर्स के साथ-साथ स्पेशन ऑपरेशन ग्रुप (SOG) के जवान हमलावर आतंकियों की तलाश में जुटे हुए हैं. हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटा संगठन टीआरएफ ने ली है.

- पाकिस्तान के रावलकोट में रची गई थी साजिशहमले के पीड़ितों का कहना है कि वे लोग शांति से वहां घूम रहे थे जब 6-7 आतंकी आए, उनका नाम पूछा, आईडी कार्ड भी देखा और फिर गोलियां चला दीं. मौत का आंकड़ा 26 तक पहुंच चुका है. सूत्रों की मानें तो इस आतंकी हमले की बिसात 19 अप्रैल को रावलकोट में रची गई थी. यहां लश्कर-ए-तैयबा और जम्मू-कश्मीर यूनाइटेड मूवमेंट के आतंकियों ने मीटिंग की थी. 

रावलकोट में ही लश्कर कमांजर अबू मूसा ने मंच से खुलेआम भारत को धमकी दी थी. उसने कहा था कि कश्मीर में फिर बंदूकें गरजेंगी और सिर कटेंगे. यह बयान भारत के खिलाफ युद्ध के ऐलान की तरह था. 

- पहलगाम हमले पर पाकिस्तान का रिएक्शनकश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर पाकिस्तान की ओर से प्रतिक्रिया आई है. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा है, "हम हमले में पर्यटकों की जान जाने से चिंतित हैं. हम मृतकों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं."

- पहलगाम हमले के बाद का नया वीडियोपहलगाम में आतंकी हमले के बाद जो दहशत का माहौल बना, उसका एक वीडियो भी सामने आ रहा है. आतंकी सुरक्षाबलों की वर्दी पहन कर आए थे. उसी की आड़ में उन्होंने निर्दोष पर्यटकों पर हमला कर दिया. लोगों ने अपने पति-पिता, मां-बेटी, बच्चों को खो दिया. दहशत में रहे इन लोगों के पास जब भारतीय सेना के जवान पहुंचे, तो लोग डर गए. क्योंकि इससे पहले सुरक्षाबलों की वर्दी में ही उन्होंने आतंकियों को देखा था. सेना के जवान बार-बार समझाते रहे के वे इंडियन आर्मी हैं और लोग अब सुरक्षित हैं.

- आतंकियों के दो से तीन स्थानीय मददगार थेपहलगाम टेरर अटैक मामले में सूत्रों से जानकारी मिली है कि इस घटना में 8-10 आतंकी थे, जिनमें से 2-3 स्थानीय मददगार थे. उनके पुलिस की वर्दी में होने की आशंका है. वहीं, 5-7 आतंकी पाकिस्तानी मूल के हो सकते हैं. दो-तीन स्थानीय लोगों ने पाकिस्तानी आतंकियों की इस इलाके में पहुंचने में मदद की थी. ये लोग स्थानीय भाषा में बात कर रहे थे, ताकि किसी को शक न हो. 

- अमरनाथ यात्रा पर भी हमले का अलर्ट खुफिया एजेंसियों को अमरनाथ यात्रा पर भी आतंकी हमले का अलर्ट मिला है. अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू होने वाली है, जिसके लिए रजिस्ट्रेशन चल रहा है. इस बीच एजेंसी को इनपुट मिला है कि आतंकी अमरनाथ यात्रा को भी अपना निशाना बना सकते हैं.