Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार (22 अप्रैल) को हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जानें गई हैं, जबकि 17 लोग घायल हैं. ये वे आम लोग हैं, जिन्होंने कभी किसी का कुछ नहीं बिगाड़ा. बस परिवार के साथ कुछ यादगार पल बिताने के लिए पहलगाम घूमने आए थे. इन आम लोगों पर कुछ आतंकियों ने गोलियां चला दीं. इस आतंकी हमले से पूरे देश में आक्रोश है.
इसको लेकर अब जमात-ए-इस्लामी की ओर से भी बयान जारी किया गया है. जमात-ए-इस्लामी के पूर्व महासचिव गुलाम कादिर लोन ने कहा, "दुनिया में बहुत तरीकों के जुल्म होते हैं. जुल्म की अलग-अलग शक्लें हैं, लेकिन यह जुल्म की बदतरीन शक्ल है जिसमें मासूम और निर्दोष लोगों को मार दिया जाता है. ये लोग न कोई लड़ाई करना चाहते हैं, न किसी का बुरा चाहते हैं, केवल सैर करने यहां आए थे."
'जुल्म की बदतरीन शक्ल, जितनी निंदा की जाए कम है'
गुलाम कादिर लोन ने कहा, "वो जहां के भी थे और जिन भी ख्यालात के थे, वो अलग बात है. उनपर हमला करना बदतरीन जुल्म है. उत्पीड़न की सबसे बुरी हालत यही है कि अकेले निहत्थे आदमी पर हमला कर दिया जाए. इसकी जितनी भी निंदा की जाए वो कम है."
'दहशतगर्दों का कोई मजहब नहीं होता'
जमात-ए-इस्लामी के नेता ने कहा, "दुनिया के लिए यह जानना जरूरी है कि दहशतगर्दों का कोई मजहब, मकसद और उसूल नहीं होता है. ये ऐसे लोग होते हैं जो दुनिया में अमन को खत्म करना चाहते हैं. इन लोगों के साथ किसी तरह की हमदर्दी नहीं होनी चाहिए. जिन लोगों का कोई मकसद होता है, वो खुल पर अपना मकसद सामने रखता है, लेकिन इन लोगों के साथ ऐसा नहीं है. आम आदमी और निर्दोष आदमी को मार कर कौन सा मकसद पूरा हो सकता है? ये लोग जहां भी मिलें, इन्हें ऐसी सजा दी जानी चाहिए जिसके ये हकदार हैं."