Pahalgam Jammu Kashmir Terror Attack: कश्मीर के पहलगाम शहर के पास हुए आतंकवादी हमले में दिल को झकझोर देने वाले दृश्य सामने आ रहे हैं. लोकप्रिय बैसरन में जब आतंकवादियों ने धावा बोला तो लोग डर के मारे तंबू के अंदर छिप गया. आतंकवादियों ने 54 साल के संतोष जगदाले को तंबू से बाहर आने और इस्लाम की एक आयत पढ़ने के लिए कहा. जब वह आयत नहीं पढ़ पाए तो आतंकवादियो ने जगदाले को गोलियों से छलनी कर दिया. उन्होंने जगदाले पर तीन बार गोली मारी, एक बार उनके सिर में, फिर कान के पीछे और फिर पीठ में गोली मारी.
संतोष जगदाले पुणे के एक व्यवसायी थे. उनकी 26 साल की बेटी असावरी जगदाले ने ‘पीटीआई-भाषा’ को आपबीती सुनाई. जगदाले की बेटी ने कहा, ‘‘पिता के जमीन पर गिर जाने के बाद, बंदूकधारियों ने मेरे बगल में चाचा पर हमला किया और उनकी पीठ में कई गोलियां बरसाईं.’’
नहीं पता कि पिता जिंदा हैं या मर गए- बेटी
असावरी जगदाले ने इस हमले के पांच घंटे बाद ‘पीटीआई-भाषा’ को टेलीफोन पर बताया, ‘‘हम पांच लोगों का समूह थे, जिसमें मेरे माता-पिता भी शामिल थे. जब गोलीबारी शुरू हुई तब हम पहलगाम के पास बैसरन घाटी एवं मिनी स्विटजरलैंड नामक जगह पर थे.’’ असावरी को नहीं पता कि उनके पिता और चाचा जिंदा हैं भी या उनकी मौत हो चुकी है.
असावरी, उनकी मां और एक अन्य महिला रिश्तेदार किसी तरह बच गईं तथा स्थानीय लोगों और सुरक्षाबलों ने उन्हें पहलगाम क्लब पहुंचाया. असावरी (26) पुणे में मानव संसाधन पेशेवर हैं. उन्होंने बताया कि उनका परिवार इस खूबसूरत जगह पर छुट्टियां मनाने के लिए गया था. उन्होंने पास की पहाड़ी से उतर रहे लोगों द्वारा की जा रही गोलीबारी की आवाज सुनी. असावरी ने बताया कि गोलीबारी करने वाले लोगों ने स्थानीय पुलिस के जैसे कपड़े पहने हुए थे.
गोलीबारी से बचने के लिए जमीन पर लेट गए- असावरी
असावरी ने कहा, ‘‘हम तुरंत सुरक्षा के लिए पास के एक तंबू में जाकर छिप गए. छह-सात अन्य (पर्यटक) भी वहां पहुंच गए. हम सभी गोलीबारी से बचने के लिए जमीन पर लेट गए. हमें तब यह लगा कि शायद आतंकवादियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच मुठभेड़ हो रही है.’’ उन्होंने बताया कि आतंकवादियों का समूह पहले पास के एक तंबू के पास आया और उन्होंने गोलीबारी शुरू कर दी.
असावरी ने बताया, ‘‘इसके बाद वे हमारे तंबू में आए और उन्होंने मेरे पिता को बाहर आने के लिए कहा.’’ उन्होंने बताया, ‘‘आतंकवादियों ने कहा कि चौधरी तू बाहर आ जा.’’ उन्होंने आगे बताया कि इसके बाद आतंकवादियों ने उन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का समर्थन करने का आरोप लगाया. इसके बाद आतंकवादियों ने उनके सामने इस बात से इनकार किया कि कश्मीरी आतंकवादी निर्दोष लोगों, महिलाओं और बच्चों की हत्या करते हैं.
असावरी ने बताया, ‘‘फिर उन्होंने मेरे पिता से इस्लाम की एक आयत (संभवतः कलमा) सुनाने के लिए कहा. जब वह नहीं सुना पाए तो उन्होंने मेरे पिता पर तीन गोलियां चला दीं. उन्होंने मेरे पिता के सिर पर, कान के पीछे और पीठ में गोली मारी.’’ उन्होंने बताया, ‘‘मेरे चाचा मेरे बगल में थे. आतंकवादियों ने उन पर चार से पांच गोलियां चलाईं.’’
पुलिस और सेना घटना के 20 मिनट बाद मौके पर पहुंची- असावरी
असावरी ने बताया कि आतंकवादियों ने मौके पर मौजूद कई अन्य पुरुषों पर भी गोलियां बरसाईं. मदद के लिए कोई नहीं था. कोई पुलिस या सेना नहीं थी. पुलिस और सेना घटना के 20 मिनट बाद मौके पर पहुंची. यहां तक कि स्थानीय लोग भी इस्लामी आयत पढ़ रहे थे.
असावरी ने कहा, ‘‘जो लोग हमें टट्टुओं पर लेकर आए थे उन्होंने मेरी, मेरी मां समेत तीन महिलाओं की मदद की. इसके बाद हमारा मेडिकल परीक्षण कराया गया और फिर हमें पहलगाम क्लब में स्थानांतरित कर दिया गया.’’ असावरी ने बताया, ‘‘अपराह्न करीब साढ़े तीन बजे गोलीबारी शुरू. पांच घंटे हो गए हैं और मेरे पिता और चाचा के स्वास्थ्य के बारे में मुझे कोई भी जानकारी नहीं मिली है.’’
कश्मीर के पहलगाम शहर के निकट ‘मिनी स्विटरलैंड’ नाम से मशहूर पर्यटन स्थल पर मंगलवार दोपहर हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई, जिनमें ज्यादातर पर्यटक हैं. यह 2019 में पुलवामा में हुए हमले के बाद घाटी में हुआ सबसे घातक हमला है.
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