Omar Abdullah News: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कठुआ और बारामूला की घटनाओं को बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. उन्होंने गुरुवार (06 फरवरी) को इसे केंद्र सरकार के सामने उठाया है. साथ ही इन घटनाओं की समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से जांच कराने की मांग की है. 

माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म एक्स पर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने लिखा, "मैंने बिलावर में पुलिस हिरासत में माखन दीन पर अत्यधिक बल प्रयोग और उत्पीड़न की खबरें देखी हैं, जिसके कारण उसने आत्महत्या कर ली और वसीम अहमद मल्ला की मौत हो गई, जिसे सेना ने ऐसी परिस्थितियों में गोली मार दी, जो पूरी तरह स्पष्ट नहीं हैं.''

'स्थानीय लोगों के सहयोग के बिना स्थिति सामान्य नहीं होगी'

सीएम ने आगे लिखा, ''ये दोनों घटनाएं बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं और ऐसा नहीं होना चाहिए था. स्थानीय लोगों के सहयोग और भागीदारी के बिना जम्मू-कश्मीर कभी भी पूरी तरह से सामान्य नहीं हो पाएगा और आतंक से मुक्त नहीं हो पाएगा. ऐसी घटनाओं से उन लोगों के अलग-थलग पड़ने का खतरा है, जिन्हें हमें पूरी तरह से सामान्य स्थिति में लाने के लिए अपने साथ लेकर चलने की जरूरत है.''

उमर अब्दुल्ला ने की पारदर्शी तरीके से जांच की मांग

जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री ने आगे ये भी लिखा, ''मैंने इन घटनाओं को केंद्र सरकार के समक्ष उठाया है और जोर दिया है कि दोनों घटनाओं की समयबद्ध, पारदर्शी तरीके से जांच की जाए.'' पोस्ट में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर सरकार भी अपनी जांच का आदेश देगी.

सेना की गोलीबारी में एक ट्रक ड्राइवर की मौत

बता दें कि उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले में सेना की गोलीबारी में एक ट्रक ड्राइवर की मौत हो गई है. आरोप है कि ट्रक ड्राइवर ने बार-बार चेतावनी के बावजूद अपनी गाड़ी रोकने से इनकार कर दिया और चेकपोस्ट पार करने की कोशिश की. बताया गया कि सतर्क सैनिकों ने 23 किलोमीटर से अधिक समय तक गाड़ी का पीछा किया. 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक टायरों को निशाना बनाकर गोलियां चलाई गईं, जिससे गाड़ी संग्रामा चौक पर रुक गई. तलाशी के बाद जख्मी ड्राइवर को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया. पीड़ित की पहचान वसीम अहमद मल्ला के रूप में हुई.

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