जुमे की तकरीर में हुर्रियत के नेता मीरवाइज उमर फारूक ने एक बार फिर ईरान और इजरायल के संघर्ष पर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि इजरायल मासूम लोगों को मार रहा है. ईरान की तरफ जुल्म फैलाई जा रही है. मीडिया में कहा जा रहा है कि अब अमेरिका भी ईरान पर हमला करने की सोच रहा है.
'ईरान से हमारा कल्चरल रिश्ता भी है'
ये सब कश्मीर के लोगों के लिए तकलीफदेह है. ईरान से हमारा कल्चरल रिश्ता भी है. हम सिर्फ दुआ कर सकते हैं. उन्होंने कहा, "आज हम अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से ये अपील करते हैं कि ऐसे हालात में वो हमला न करें. हम ये अपील करते हैं कि जंग न की जाए. जो भी मुद्दे हैं वो बातचीत के जरिए हल किया जाए. जंग किसी मसले का हल नहीं है. जंगा किसी मुद्दे को पेचीदा कर देती है." इसके आगे उन्होंने कहा, "अगर जंग हुई तो ऐसी स्थिति पैदा हो जाएगी तो आज तक हमने कभी देखा नहीं होगा."
'रिलीफ कैंप पर इजरायल बमबारी कर देता है'
मीरवाइज ने कहा कि गाजा पट्टी के इलाकों पर बमबारी कर दी गई जिसमें 92 लोगों की मौत हो गईं. इसमें औरतें, बच्चे और बीमार लोग शामिल थे. फिलिस्तीन में रिलीफ कैंप पर इजरायल बमबारी कर देता है. इससे ज्यादा दर्दनाक क्या हो सकता है?
'हम जंग नहीं चाहते हैं'
अपनी तकरीर में उन्होंने आगे कहा, "अगर आज बातचीत के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं तो इससे ज्यादा बदकिस्मती क्या होगी. पिछले दिनों हमने देखा कि हिंदुस्तान और पाकिस्तान के खिलाफ हो गईं. हम जंग नहीं चाहते हैं, हम अमन चाहते हैं. जम्मू कश्मीर के लोग अमन चाहते हैं लेकिन अमन तब तक कायम नहीं होगा जब तक इंसाफ के तकाजों को पूरा नहीं किया जाएगा."
'सियासी कैदियों को रिहा किया जाए'
मीरवाइज ने भारत सरकार से मांग की कि कश्मीर के सियासी कैदियों की रिहाई अमल में लाई जाए. वो सालों से जेल में बंद हैं. उनको छोड़ा जाए. जब तक उन्हें छोड़ा जाएगा तब तक कम से कम उनके बुनियादी अधिकारों को बहाल किया जाए.