मीरवाइज उमर फारूक ने नजरबंद किए जाने के लगाए आरोप, 'अधिकारी मेरे ही घर में मेरी...'
Mir Waiz Umar Farooq News: हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक ने आरोप लगाते हुए कहा कि अधिकारी मेरी आजादी छीन लेते हैं और मुझे अपने धार्मिक कर्तव्यों को निभाने से रोकते हैं.

हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक (Mir Waiz Umar Farooq) ने एक बार फिर नजरबंद किए जाने के गंभीर आरोप लगाए हैं. हुर्रियत नेता मीरवाइज उमर फारूक ने शुक्रवार (26 सितंबर) को कहा कि उन्हें श्रीनगर में जामा मस्जिद में जुमे की नमाज पढ़ने से फिर रोक दिया गया है. अधिकारी मेरे ही घर में बंद कर मेरी आजादी छीन लेते हैं. उन्होंने सवाल खड़े किए कि कौन-सा कानून इस तरह मौलिक अधिकारों का हनन करने और इबादत को गुनाह ठहराने की इजाजत देता है?
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के प्रमुख मीरवाइज उमर फारूक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा, ‘‘पुलिस ने अभी-अभी बताया है कि आज (26 सितंबर) लगातार तीसरे शुक्रवार को मुझे नजरबंद कर दिया गया है और जामा मस्जिद जाने की इजाजत नहीं दी जाएगी.’’ कश्मीर के मुख्य मौलवी मीरवाइज ने बार-बार की जा रही नजरबंदी को मौलिक अधिकारों पर हमला बताया.
Just informed by the police that today again, for the third consecutive Friday, I have been placed under house arrest and will not be allowed to go to Jama Masjid. What law, if laws govern us. sanctions such an assault on basic rights and turns worship into a crime? Week after… pic.twitter.com/nbYJoFnnXy
— Mirwaiz Umar Farooq (@MirwaizKashmir) September 26, 2025
तानाशाही रवैये के लिए कोई जवाबदेही नहीं होती-मीरवाइज
उन्होंने आगे कहा, ‘‘अगर देश में कानून का शासन है, तो कौन-सा कानून इस तरह मौलिक अधिकारों का हनन करने और इबादत को गुनाह ठहराने की इजाजत देता है? हर हफ्ते, कभी शुक्रवार को या जब भी उनका मन हो, अधिकारी मुझे मेरे ही घर में बंद कर देते हैं, मेरी आजादी छीन लेते हैं और मुझे अपने धार्मिक कर्तव्यों को निभाने से रोकते हैं. इस तानाशाही रवैये के लिए कोई जवाबदेही नहीं होती.’’
बार-बार लगाई जा रही पाबंदियों की कड़ी निंदा करता हूं-मीरवाइज
हुर्रियत प्रमुख ने ये भी कहा, ‘‘जिनका काम सरकार से जवाब मांगना है, वे या तो डरते हैं या फिर परवाह ही नहीं करते.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं बार-बार लगाई जा रही इन पाबंदियों और मानवाधिकारों व जनता की भावनाओं के प्रति अधिकारियों के अनादर की कड़ी निंदा करता हूं.’’
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL





















