जम्मू के त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर की तीर्थयात्रा बुधवार (3 सितंबर) को नौवें दिन भी स्थगित है. इस बीच मंदिर जाने के ट्रैक पर समर प्वाइंट में भूस्खलन (लैंडस्लाइड) हुआ. हालांकि, घटना के समय कोई तीर्थयात्री मौजूद नहीं था, इसलिए किसी की जान को नुकसान नहीं हुआ और न ही कोई घायल हुआ.

रियासी जिले में स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर मार्ग पर हुए भूस्खलन और भारी बारिश को देखते हुए एहतियातन अधिकारियों के ठहरने की व्यवस्थाएं भी खाली करा दी हैं.

कटरा बेस कैंप सुनसान

वैष्णो देवी मंदिर की तीर्थयात्रा निलंबित रहने की वजह से श्रद्धालुओं की अनुपस्थिति में कटरा बेस कैंप पूरी तरह सुनसान दिखाई दे रहा है. 

मौसम विभाग ने बुधवार (3 सितंबर) को बताया कि वैष्णो देवी मंदिर के आधार शिविर में पिछले 24 घंटों के दौरान 200 मिलीमीटर से अधिक बारिश दर्ज की गयी, जो जम्मू क्षेत्र में सबसे अधिक है.

26 अगस्त को हुआ था बड़ा हादसा

वैष्णो देवी की तीर्थयात्रा 26 अगस्त को रोक दी गई थी. हालांकि मंदिर खुला है और इसके पुजारी रोज प्रार्थना तथ अनुष्ठान कर रहे हैं. 26 अगस्त को अर्धकुंवारी के निकट पुराने मार्ग पर बारिश के कारण बड़ा भूस्खलन हुआ था. इस हादसे में 34 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी और 20 अन्य घायल हो गए थे.

तीर्थयात्रा स्थगित होने के कारण कटरा पहुंच चुके कुछ तीर्थयात्री ‘दर्शनी ड्योढ़ी’ (मंदिर के रास्ते का मुख्य प्रवेश द्वार) पर पूजा-अर्चना कर रहे हैं. महाराष्ट्र के नागपुर से आए श्रद्धालु प्रमोद ने न्यूज़ एजेंसी पीटीआई से बातचीत में कहा, ‘‘मैंने मंदिर में पूजा-अर्चना करने के लिए करीब तीन महीने पहले विमान, ट्रेन और होटल की टिकटें बुक कराई थीं. लेकिन तीर्थयात्रा स्थगित है, इसलिए मैं घर लौटने से पहले यहीं (दर्शनी ड्योढ़ी) से पूजा-अर्चना कर रहा हूं.’’

कब यात्रा होगी शुरू?

लगातार बारिश के कारण नदियों और नालों, बाणगंगा नदी में जलस्तर बढ़ गया है. बाणगंगा जम्मू से गुजरती है. अधिकारियों ने कहा कि यात्रा को फिर से शुरू करने का निर्णय तब लिया जाएगा जब स्थिति में सुधार होगा और पहाड़ी पर स्थित इस मंदिर तक 12 किलोमीटर लंबे दोहरे मार्ग पर श्रद्धालुओं के लिए अवरोध हटा दिया जाएगा.

कोविड-19 प्रतिबंधों के बाद से यह अब तक का सबसे लंबा समय है जब यात्रा निलंबित रही है. साल 2024 में लगभग 95 लाख श्रद्धालुओं ने माता वैष्णो देवी की पूजा की. यानि औसतन प्रति दिन 26,027. वित्त वर्ष 2024-25 (जनवरी तक) में 172 करोड़ रुपये श्रद्धालुओं ने दान किए.