Mata Vaishno Devi Shrine: माता वैष्णो देवी तीर्थस्थल को मिले दान में अप्रत्याशित वृद्धि देखी गई है. वित्त वर्ष 2024-25 में जनवरी तक 171.90 करोड़ रुपये का दान मिला है. जबकि 2020-21 में दान की राशि 63.85 करोड़ रुपये थी.  जबकि मंदिर में दिए गए चढ़ावे में 27.7 किलोग्राम सोना और 3,424 किलोग्राम चांदी है.यह जानकारी श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने दी है.

एक्टिविस्ट रमन शर्मा ने आरटीआई आवेदन डाला था जिसके जवाब में श्राइन बोर्ड ने बताया कि वित्त वर्ष 2020-21  में 63.85 करोड़, 2021-22, में 166.68 करोड़, 2022-23 में 223.12 करोड़ और 2023-24 में 231.50 करोड़ का दान प्राप्त हुआ था जबकि 2024-25 के वित्त वर्ष में जनवरी महीने तक 171.90 करोड रुपये के दान मिले हैं. 2020 में कोरोना के वक्त 17.20 लाख तीर्थयात्री पहुंचे थे जो कि पिछले तीन दशकों में सबसे कम हैं. मंदिर कोविड-19 महामारी के कारण पांच महीने के लिए बंद था. यह अगस्त 2020 में दोबारा खुला था. 

हर साल बढ़ रही है श्रद्धालुओं की संख्या

1986 में मंदिर में 13.95 लाख श्रद्धालु पहुंचे थे जबकि श्राइन बोर्ड ने तीर्थस्थल के प्रबंधन की जिम्मेदारी ली थी.इसके बाद से हर साल तीर्थयात्रियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. 2021 में 1.04 करोड़ तीर्थयात्री पहुंचे थे जबकि 2011 में 1.01 करोड़ तीर्थयात्रियों ने मत्था टेका था. 2021 में 55.88 लाख तीर्थयात्री माता के दरबार पहुंचे थे जबकि 2022 में 91.25 लाख, 2023 में 95.22 लाख और 2024 में 98.84 लाख तीर्थयात्री पहुंचे थे.

मंदिर को मिले लाखों के सोना और चांदी

वहीं, आभूषण और सोने की बात करें तो वित्त वर्ष 2020-21 में 9.075 किलोग्राम सोना, 2021-22 में 26.351 किलोग्राम, 2022-23 में 33.258 किलोग्राम, 2023-24 में 23.477 किलोग्राम और 2024-25 (जनवरी तक) में 27.717 किलोग्राम सोना चढ़ाया गया था. जबकि मंदिर को दान के रूप में वित्त वर्ष 2020-21 में 753.630 किलोग्राम चांदी, 2021-22 में 2400.705 किलोग्राम, 2022-23 में 3756.582 किलोग्राम, 2023-24 में 4072.486 किलोग्राम और 2024-25 (जनवरी तक) में 3424.538 किलोग्राम चांदी मिला है.

बोर्ड का कहना है कि जो धातु मिले हैं वे अशुद्ध रूप में है इसलिए अभी उसकी कीमत नहीं बताई जा सकती है. येलो मेटल सोने जैसा दिखता है जबकि सफेद मेटल चांदी जैसा दिखता है. इसको गलाने के बाद इसे सिक्के के रूप में ढाला गया है.