कुलगाम की स्पेशल एनआईए कोर्ट ने जिले में कई आतंकी गतिविधियों में शामिल एक वांछित आतंकवादी जाकिर अहमद के खिलाफ उद्घोषणा आदेश जारी किया है. एनआईए अधिनियम के तहत नामित अदालत ने बीएनएसएस की धारा 84 के तहत आदेश जारी किया है और आरोपी को 30 दिनों के भीतर सरेंडर करने को कहा है.
कुलगाम के मुतलहामा निवासी जाकिर अहमद गनी, पुत्र गुलाम मोहिउद्दीन गनी पर आरोप है कि वो गैरकानूनी और आतंकी गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल रहा है. वो गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की धारा 13, 16, 18बी, 20 और 38 के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत कुलगाम पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर संख्या 200/2023 में वांछित है.
आतंकी को सरेंडर करने के लिए 30 दिनों का समय
कोर्ट ने आरोपी को सक्षम प्राधिकारी के समक्ष सरेंडर करने के लिए 30 दिनों का समय दिया है और ऐसा न करने पर कानून के तहत आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी. गौरतलब है कि इस उद्घोषणा से पहले, कोर्ट ने आरोपी के खिलाफ एक गैर-जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी कर दिया था.
पुलिस की टीम ने चिपकाया नोटिस
अदालत के निर्देशों पर कार्रवाई करते हुए, डीएसपी मुख्यालय कुलगाम के नेतृत्व में एक पुलिस दल ने व्यापक प्रचार और अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए उसके आवासीय परिसर और गांव के अन्य प्रमुख सार्वजनिक जगहों पर उद्घोषणा आदेश चिपका दिया.
फरार आतंकवादियों पर कसेगा शिकंजा!
यह कार्रवाई फरार आतंकवादियों को न्याय के कटघरे में लाने और जिले में आतंकवाद के तंत्र को खत्म करने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों की ओर से चलाए जा रहे प्रयासों की दिशा में एक और कदम है. इस घटनाक्रम पर एसएसपी कुलगाम साहिल सारंगल ने कहा, ''आतंकवादी गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानून अपना काम करेगा.''
शांति, स्थिरता और नागरिकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध-SSP
एसएसपी ने आगे कहा, "हम शांति, स्थिरता और अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. इस तरह की कार्रवाई हर अपराधी को न्याय के कटघरे में लाने और जिले से आतंकवाद के खतरे को जड़ से उखाड़ फेंकने के हमारे संकल्प को दर्शाती है."