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दक्षिण कश्मीर के कोकरनाग के ऊपरी इलाकों में किश्तवाड़ की पहाड़ियों से दूसरे लापता पैरा कमांडो का शव बरामद किया गया है. दोनों जवान 6 अक्टूबर को भीषण बर्फीले तूफ़ान के बीच इलाके में आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान लापता हो गए थे. अधिकारियों के अनुसार, लापता पैरा कमांडो का हथियार शुक्रवार सुबह तड़के बरामद कर लिया गया, जबकि बचावकर्मियों ने कुछ घंटों बाद एक गहरी खाई से शव बरामद किया.

अधिकारियों ने बताया कि खराब मौसम के दौरान दोनों जवानों से संपर्क टूट जाने के तुरंत बाद शुरू किए गए तलाशी और बचाव अभियान के दौरान जवान का शव बरामद किया गया. हालांकि एक लापता जवान का शव गुरुवार को बरामद कर लिया गया था, लेकिन खराब मौसम के कारण शाम को अभियान रोकना पड़ा. दोनों शवों को चिकित्सकीय-कानूनी औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए श्रीनगर ले जाया गया है.

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गहन तलाशी अभियान हो गया है समाप्त

सेना ने जम्मू-कश्मीर पुलिस की पर्वतीय बचाव टीमों के साथ-साथ भारतीय सेना के हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल (HAWS) के विशेष बचाव दलों से भी मदद मांगी थी. तीन दिनों से ज़्यादा की कड़ी मशक्कत के बाद, दूसरे पैराट्रूपर का शव मिलने के साथ ही, दुर्गम इलाक़ों और जबरदस्त ठंड के बावजूद जारी गहन तलाशी अभियान समाप्त हो गया है.

एक पैराट्रूपर का द किया गया था शव बराम

इससे पहले, इसी इलाके से एक पैराट्रूपर का शव बरामद किया गया था. दोनों जवान कोकरनाग की बर्फीली चोटियों पर तलाशी अभियान चला रहे एक विशेष अभियान दल का हिस्सा थे. सेना के सूत्रों ने बताया कि पार्थिव शरीर औपचारिक पहचान और उसके बाद सैन्य सम्मान के लिए भेजे जाएंगे.

अधिकारियों ने कर दिया है खारिज

भारतीय सेना और पुलिस सूत्रों का कहना है कि दोनों पैरा कमांडो की मौत प्राकृतिक आपदा का नतीजा थी, लेकिन आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के छद्म संगठन टीआरएफ ने दावा किया है कि दोनों की मौत घात लगाकर किए गए हमले में हुई. टीआरएफ ने अपने दावे को पुष्ट करने के लिए सोशल मीडिया पर हथियारों की तस्वीरें पोस्ट की हैं, जिसे अधिकारियों ने "झूठा" और सुर्खिया बटोरने का प्रयास बताकर खारिज कर दिया है.