जम्मू-कश्मीर में आपदा जैसी परिस्थितियों के बीच केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने अपने पार्टी सहयोगी और डोडा के बीजेपी विधायक शक्तिराज परिहार को नसीहत दी है उनका कहना है कि नेताओं को जनता के सामने वास्तविक स्थिति साफ तौर पर रखनी चाहिए और ऐसे बड़े-बड़े वादे नहीं करने चाहिए जिन्हें पूरा करना संभव न हो.
यह बयान उन्होंने उस समय दिया जब विधायक ने एक्स पर दावा किया कि उन्हें आश्वासन मिला है कि जल्द ही मुगल रोड से डोडा क्षेत्र में ईंधन की आपूर्ति शुरू होगी.
हालात पर मंत्री की सफाई
केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि अभी के समय में जब असामान्य और कठिन आपदा परिस्थितियां बनी हुई है ऐसे में जनता को अव्यावहारिक वादों से भ्रमित करना ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि मुगल रोड हाल ही में खोला गया है लेकिन केवल छोटे वाहनों के लिए और वह भी एकतरफा यातायात के लिए. इस पर भारी पेट्रोल-डीजल ट्रक चलाना न तो संभव है और न ही सुरक्षित.
उनका कहना है कि लगातार बारिश होने पर यह सड़क किसी भी समय फिर से बंद हो सकती है. इस समय प्राथमिकता केवल यात्रियों और आवश्यक सेवाओं को राहत पहुंचाना है. जनता पहले से ही परिस्थितियों को भली-भांति समझती है, इसलिए पारदर्शिता जरूरी है.
हाईवे और ईंधन संकट
जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर लगभग पखवाड़े भर से लगातार भूस्खलन हो रहा है. 7 सितंबर रात NHAI ने उधमपुर के थर्ड और बाली नाले पर अवरोध हटाने की कोशिश की, लेकिन भारी बारिश ने काम रोक दिया. मंत्री ने उम्मीद जताई कि अथक प्रयासों से जल्द ही सड़क का कुछ हिस्सा खोल दिया जाएगा ताकि पेट्रोलियम और अन्य आवश्यक सामान लेकर जाने वाले वाहनों को प्राथमिकता पर रास्ता मिल सके.
डोडा में ईंधन की कमी से लोगों में अफरा-तफरी का माहौल है. हाई-वे और लिंक रोड की मरम्मत कार्य पर भी इसका बुरा असर पड़ा है. मुगल रोड का खुलना यात्रियों के लिए राहत है, पर भारी ट्रैफिक अभी भी चुनौती है.
विधायक की चिंता और जनता की उम्मीदें
BJP MLA शक्तिराज परिहार ने अपने पोस्ट में कहा कि ईंधन की कमी ने लोगों को परेशान कर दिया है और बहाली का काम बाधित हो रहा है. मंत्री जितेंद्र सिंह ने उनकी चिंता को स्वीकारते हुए दोहराया कि जनता को केवल वही जानकारी दी जाए जो व्यावहारिक और जमीनी हकीकत पर आधारित हो. उन्होंने भरोसा जताया कि मौसम में सुधार और लगातार प्रयासों से जल्द ही आवश्यक आपूर्ति बहाल की जा सकेगी.
मुगल रोड पुंछ और राजौरी को शोपियां से जोड़ता है और फिलहाल यही वैकल्पिक मार्ग है. इसकी बहाली ने फंसे यात्रियों को राहत दी है लेकिन ईंधन आपूर्ति अब भी बाधित है. सरकार ने आश्वासन दिया है कि आवश्यक सेवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी.