जम्मू कश्मीर के मंत्री जावेद अहमद राणा ने कहा कि जंग तो किसी मसले का हल नहीं है. जंग से तो मामले बढ़ेंगे और हम लोग बेमौत नहीं मरना चाहते. जंग से हुकूमतें कमजोर हो जाती है. उन्होंने कहा कि मैं नहीं चाहूंगा कि भारत को विश्वगुरू बनाने के मकसद के लिए जंग करनी चाहिए.  

पाकिस्तानी लोगों को निकाले जाने के फैसले पर क्या बोले?

न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में उन्होंने पाकिस्तानी नागरिकों के देश छोड़ने के फैसले पर कहा, "ये लोग यहीं के रहने वाले थे. 1965 में ये लोग हालात खराब होने की वजह से इधर-उधर हो गए थे फिर वापस आ गए थे. यहां इनके तमाम रिश्तेदार और इनकी तमाम संपत्ति यहीं की हैं."

पीएम मोदी और गृहमंत्री से की ये अपील

जावेद अहमद राणा ने कहा, "मैं भारत सरकार मांग करूंगा कि इन लोगों को यहां से डिसप्लेस नहीं करना चाहिए. इसमें कोई शक नहीं है कि जम्मू कश्मीर में पिछले 70 सालों से प्रॉक्सी वार और दहशतगर्दी से हमलोग जूझ रहे हैं. लेकिन उसका ये हल नहीं है कि यहां के बसे हुए लोगों को, सदियों से यहां रह रहे हैं उनको निकाला जाए. मैं प्राइम मिनिस्टर साहब से और गृहमंत्री साहब से अपील करूंगा कि इनको यहां से डिसप्लेस न किया जाए."

बता दें कि पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागिरकों को देश छोड़ने के लिए कहा था. इसके बाद देश के अलग-अलग राज्यों में रह रहे पाकिस्तान नागरिकों को उनके स्वदेश वापस भेजने की कार्रवाई शुरू हुई. हालांकि, इस दौरान कई लोग भावुक भी हो गए. कुछ लोगों को अपनों को छोड़कर वापस जाना पड़ा.

पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने भी इस मुद्दे को लेकर अपनी बात रखी थी. उन्होंने सरकार से अपील की थी कि भारतीयों से शादी करने वाले पाकिस्तानियों को वापस भेजने के फैसले पर पुनर्विचार किया जाए.