जम्मू-कश्मीर के पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग जोर पकड़ रही है. इस बीच मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सभी बड़े दलों को चिट्ठी लिखकर संसद में इस मुद्दे को उठाने की मांग की है.
सीएम ने बुधवार (6 अगस्त) को श्रीनगर में कहा, ''मैंने उन तमाम पार्टियों को चिट्ठी लिखी है, जिनके कई सांसद हैं और मैंने गुजारिश की है कि जम्मू-कश्मीर के साथ जो पूर्ण राज्य का वादा किया गया है, उसमें हमारी मदद करें. संसद में इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाएं. ताकि इसी सत्र में बिल आए और जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा मिले.''
उमर अब्दुल्ला ने कहा, ''ये किसी एक पार्टी या हुकुमत की बात नहीं है. जम्मू कश्मीर के लोगों के साथ पूर्ण राज्य का वादा किया गया था. ये वादा रैलियों में भी किया गया, सुप्रीम कोर्ट के सामने भी किया गया. संसद में भी किया गया, अब हम चाहते हैं कि अब ये वादा पूरा किया जाए.''
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पर क्या बोले उमर अब्दुल्ला?
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में राज्य का दर्जा बहाल करने वाली याचिका पर होने वाली सुनवाई को लेकर कहा, ''आठ तारीख को सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट ने 5 अगस्त को लेकर फैसले में कहा था कि जम्मू-कश्मीर को जल्द से जल्द राज्य का दर्जा दिया जाए. जल्द से जल्द को इतने साल हो गए. सुप्रीम कोर्ट ने अगर चुनाव को लेकर समय की पाबंदी नहीं लगाई होती तो मैं आज मुख्यमंत्री के तौर पर आपसे बात नहीं कर रहा होता. आज चुनाव हुए, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने वक्त की पाबंदी लगाई.''
धराली आपदा पर सीएम का बयान
सीएम ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद की स्थिति को लेकर कहा, ''22 अप्रैल के हमले के बाद अब यहां पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है. चार लाख लोगों ने अमरनाथ यात्रा की. पर्यटक कश्मीर के लोगों के मेहमानबाजी का फायदा उठाएंगे.''
उत्तराखंड के धराली में आई आपदा पर उमर अब्दुल्ला ने कहा, ''हम जंगलों को साफ कर रहे हैं, पहाड़ों को काट रहे हैं. मुझे लगता है कि हमें भी इसका खतरा है. हमें इसका ख्याल रखना होगा. उत्तराखंड के लोगों के प्रति हमारी संवेदना है.''