जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ चल रहे अभियान के दौरान एक बार फिर देश का एक बहादुर सपूत शहीद हो गया. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि जिला उधमपुर के सोआन जंगल क्षेत्र में पाकिस्तानी आतंकियों से मुकाबले के दौरान कांस्टेबल अमजद अली खान ने सर्वोच्च बलिदान दिया.

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जम्मू-कश्मीर पुलिस के अनुसार, आतंकियों के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन के दौरान कांस्टेबल अमजिद अली खान ने अदम्य साहस और कर्तव्यनिष्ठा का परिचय देते हुए अपनी जान न्योछावर कर दी. पुलिस महानिदेशक नलिन प्रभात, पुलिस के सभी अधिकारियों और जवानों ने शहीद को नमन करते हुए उनकी वीरता को सलाम किया है.

अमजिद के बलिदान को नहीं भूलेगा जम्मू-कश्मीर- पुलिस

पुलिस ने अपने संदेश में कहा कि 'हीरोज नेवर डाई' यानी वीर कभी नहीं मरते. जम्मू-कश्मीर पुलिस परिवार ने शहीद अमजिद अली खान के परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है और कहा है कि इस दुख की घड़ी में पूरा पुलिस बल उनके साथ खड़ा है. पुलिस ने बताया कि देश की सुरक्षा के लिए दिया गया यह बलिदान कभी भुलाया नहीं जाएगा.

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने वीर जवानों को किया याद

साथ ही जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इस मौके पर उन अन्य वीर जवानों को भी याद किया, जिन्होंने अलग-अलग वर्षों में अपने कर्तव्य का पालन करते हुए शहादत दी. पुलिस ने बताया कि इसी दिन वर्ष 1995 में डोडा जिले में तैनात इंस्पेक्टर अब्दुल हमीद गनई आतंकवाद के खिलाफ अभियान के दौरान शहीद हुए थे. इसके अलावा वर्ष 2002 में जम्मू के हेड कांस्टेबल सोम राज ने भी ड्यूटी के दौरान अपने प्राणों की आहुति दी थी.

शहीदों की वीरता आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा- पुलिस

पुलिस ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस परिवार इन सभी शहीदों की कुर्बानी को याद करता है और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता है. संदेश में यह भी कहा गया कि शहीदों की वीरता और बलिदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने रहेंगे.

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