राज्यसभा चुनाव में बीजेपी से एक सीट हारने के एक दिन बाद, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शनिवार (25 अक्टूबर) को कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) ने जम्मू-कश्मीर से सभी चार राज्यसभा सीटें जीतने की पूरी कोशिश की थी, लेकिन 3-1 का फाइनल नतीजा पोलिंग के आखिर में सफलता और निराशा दोनों दिखाता है.

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मीडिया से बात करते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि 3-1 के नतीजे पर कोई शक नहीं होना चाहिए क्योंकि हमने 4-0 से जीत के लिए हर मुमकिन कोशिश की थी, लेकिन बदकिस्मती से वोटिंग के आखिरी स्टेज में कुछ लोगों ने हमें धोखा दिया.

सीएम अब्दुल्ला ने कहा, "अब यह काफी साफ हो गया है कि किसने हमारा साथ दिया और किसने नहीं, हालांकि मुझे यहां किसी का नाम लेना सही नहीं लगता. यह वाकई दुख की बात है, लेकिन मैं उन सभी का शुक्रगुजार हूं जो आखिर तक हमारे साथ खड़े रहे. जहां तक उन लोगों की बात है जिन्होंने आखिरी समय में अपना सपोर्ट वापस ले लिया, यह निराशाजनक है."

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'एक भी वोट क्रॉस-वोट नहीं हुआ'

हालांकि, सीएम उमर ने पूरे भरोसे के साथ कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस का एक भी वोट क्रॉस-वोट नहीं हुआ या खराब नहीं हुआ और उन विधायकों का नाम लेना सही नहीं होगा जिन्होंने गठबंधन के खिलाफ और बीजेपी के फेवर में वोट दिया. उन्होंने कहा कि मुझे इस बात से तसल्ली है कि एनसी का एक भी वोट इधर-उधर नहीं गया.

एनसी ने जीतीं 4 में से 3 सीटें 

ये बातें उन आरोपों के बाद कहीं कि सात विधायकों में से कुछ ने या तो बीजेपी को वोट दिया या राज्यसभा चुनाव के दौरान 'जानबूझकर' अपने वोट खराब कर दिए, जिसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस ने चार में से तीन सीटें जीतीं, जबकि बीजेपी सिर्फ अपने 28 सदस्यों के सपोर्ट के बावजूद एक सीट जीतने में कामयाब रही.

बीजेपी के सतपाल शर्मा ने 32 वोट हासिल करके चौथी राज्यसभा सीट जीत ली, जबकि कांग्रेस, PDP, CPIM, अवामी इत्तेहाद पार्टी, आम आदमी पार्टी और छह निर्दलीय सदस्यों ने 41 NC सदस्यों को सपोर्ट देने का वादा किया था.

21 वोटों पर अटके एनसी प्रत्याशी

काउंटिंग के दौरान चुनाव अधिकारियों ने 3 वोटों को इनवेलिड घोषित कर दिया, जबकि 4 सदस्यों ने चौथी सीट के लिए बीजेपी को क्रॉस-वोट दिया, जिससे NC के इमरान नबी डार 21 वोटों पर अटक गए. तीसरे नोटिफिकेशन की दो सीटों के लिए जीतने का मार्जिन 28.2 तय किया गया था, जिसका मतलब है कि जीतने वाले को लाइन पार करने के लिए 29 वोटों की जरूरत थी. और नेशनल कॉन्फ्रेंस को 59 वोटों का सपोर्ट मिलने का वादा किया गया था, लेकिन इस हार ने अब तक कई सवालों के जवाब नहीं दिए हैं.