Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद कई ऐसी कहानियां सामने आई है, जिसमें स्थानीय लोगों ने पर्यटकों को बचाने के लिए जान की बाजी लगा दी. ऐसी ही कहानी शॉल विक्रेता सज्जाद अहमद भट्ट की है, जिसने आतंकियों की गोलीबारी से घायल हुए लोगों को अस्पताल पहुंचाया.

सज्जाद अहमद भट्ट को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सम्मान दिया है. उन्होंने कहा, ''जम्मू कश्मीर पुलिस ने मुझे बुलाया था और उन्होंने मेरी तारीफ की कि आपने बहुत अच्छा काम किया और लोगों की जान बचाई. उन्होंने कहा कि आपने दिखाया कि दुनिया में अभी भी आप जैसे लोग जिंदा हैं और आपने अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों की जान बचाई.'' 

हम कभी नहीं भूलेंगे- शॉल विक्रेता

भट्ट ने कहा, ''उस वक्त वहां पर कयामत का मंजर था, जिसको हम कभी नहीं भूलेंगे और ना कभी देखा था. वहां पर लोग रो रहे थे, बेसुध पड़े हुए थे. सैलानी मुझसे कह रहे थे कि हमें किसी भी तरह यहां से बचा लो.'' 

उन्होंने कहा, ''जब मैं वहां पहुंचा तो लोग जख्मी पड़े हुए थे. सैलानी डरे हुए सहमे हुए थे, कई जख्मी थे, उन्हें हमने अस्पताल तक पहुंचाया और जो भी मिला मुझे मैंने कंधे पर उठाकर अस्पताल तक पहुंचाया. मैंने इंसानियत के नाते लोगों की वहां पर मदद की, क्योंकि वहां पर भी सब इंसान ही थे.'' 

शॉल विक्रेता ने कहा, ''वहां पर एक फैमिली थी, उसके पिता की डेथ हो गई थी, लेकिन उनकी मां और बेटे को मैंने बचाया.'' जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी. 

गलत काम का गलत नतीजा होता है. जो जहर खाता है वह मर जाता है. जिसने भी यह काम किया, गलत किया उनको सजा मिलनी चाहिए. 

हम एक दूसरे के दिलों में नफरत फैलाएंगे तो देश कैसे चलेगा हमें भी अपने हिंदुस्तान को आगे बढ़ाना है.