सोशल मीडिया पर मंगलवार (5 अगस्त) को जम्मू-कश्मीर चुनाव आयोग के नाम से एक फर्जी आदेश वायरल हो गया. इसमें कहा गया कि जम्मू-कश्मीर में पंचायत के चुनाव नवंबर के बाद कराए जाएंगे और इसकी तैयारियां शुरू हो गई हैं. इस पर मुख्यमंत्री कार्यालय ने साफ किया है कि ये फेक न्यूज है. फर्जी आदेश में यहां तक दावा  किया गया था कि फाइनल वोटर लिस्ट अपडेट होने के बाद पंचायत चुनाव की तारीखों की घोषणा की जाएगी. इसके साथ ही कहा कि जब एक बार चुनावों की तारीख का ऐलान हो जाएगा उसके बाद आचार संहिता लागू हो जाएगी. सभी विभागों को आदेश जारी कर दिए गए हैं. इस आदेश के बाद केंद्र शासित प्रदेश में हलचल बढ़ गई.

विभाग ने क्या कहा?

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि विभाग की तरफ से ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है. अधिकारियों ने कहा कि पंचायत चुनावों की तिथि अधिसूचित करने का एकमात्र अधिकार राज्य चुनाव आयोग के पास है और इस सिलसिले में अभी तक कोई आधिकारिक समयसीमा घोषित नहीं की गई है. लोगों से अपील की गई है कि भ्रामक सूचनाओं के झांसे में न आएं.

मंगलवार को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के छह साल पूरे हो गए. इसके साथ ही राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग तेज हो गई है. कांग्रेस, नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी के कार्यकर्ताओं ने जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग को लेकर मंगलवार को जम्मू में सड़कों पर प्रदर्शन किया. इन तीनों दलों ने जम्मू के सर्वदलीय संयुक्त मोर्चा (एपीयूएम) के साथ मिलकर 2019 में राज्य को केंद्र शासित प्रदेश में बदले जाने की निंदा करते हुए पांच अगस्त को ‘काला दिवस’ के रूप में मनाया.

सर्वदलीय संयुक्त मोर्चा क्या है?

एपीयूएम विभिन्न सामाजिक संगठनों और राजनीतिक दलों का एक समूह है. प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रमन भल्ला ने पूर्व मंत्री लाल सिंह और तरनजीत सिंह टोनी के साथ तवी पुल पर अंतिम डोगरा शासक महाराजा हरि सिंह की प्रतिमा पर क्रेन से माल्यार्पण किया. भल्ला ने प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए संवाददाताओं से कहा,‘‘आज का काला दिवस प्रदर्शन 'हमारी रियासत हमारा हक' के तहत हमारे अभियान का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य इस ऐतिहासिक डोगरा राज्य के गौरव और वैभव की बहाली है, क्योंकि पांच अगस्त, 2019 को बीजेपी ने इसी गौरव एवं वैभव को नष्ट कर दिया था.’’

रिमोट कंट्रोल से प्रशासन चला रही बीजेपी- कांग्रेस

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता रविंदर शर्मा ने कहा कि बीजेपी ने लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को कमजोर किया है और वह उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के कार्यालय से ‘रिमोट कंट्रोल’ के जरिए प्रशासन चला रही है. उन्होंने कहा, ‘‘पिछले साल उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर विधानसभा चुनाव हुए, लेकिन सरकार को काम नहीं करने दिया जा रहा है. वे (बीजेपी के लोग) चुनाव हार गए, लेकिन अब भी उपराज्यपाल कार्यालय के ज़रिए सरकार चला रहे हैं और इस दोहरे शासन के चलते जनता परेशान है.’’

कांग्रेस विधायक को पुलिस ने हिरासत में लिया

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा ‘जल्द से जल्द’ बहाल करने का निर्देश दिया है, लेकिन आदेश के 10 महीने बाद भी केंद्र राज्य का दर्जा बहाल करने में टालमटोल कर रहा है. कांग्रेस ने सभी जिला मुख्यालयों पर इसी तरह के प्रदर्शन किए. राजौरी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा रैली निकालने के प्रयास को पुलिस ने विफल कर दिया और विधायक इफ्तिखार अहमद एवं कई अन्य लोगों को कुछ देर के लिए हिरासत में भी लिया.