जम्मू के सतवारी थाना क्षेत्र के निकी तवी में पुलिस गोलीबारी में मोहम्मद परवेज की हुई मौत से सियासी तूफान खड़ा हो गया है. परिजनों के साथ नेताओं ने इसे फर्जी बताया है. दरअसल, गुरुवार (24 जुलाई) को संदिग्ध ड्रग तस्करों का पीछा कर रही एक पुलिस टीम पर सतवारी पुलिस थाने के अंतर्गत मंडल क्षेत्र में फायरिंग हुई. इसी दौरान पुलिस की गोलीबारी में परवेज की मौत हो गई.
इसको लेकर शुक्रवार (25 जुलाई) को मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने एक्स पर लिखा, ''जम्मू के निकी तवी निवासी मोहम्मद परवेज की हत्या अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और खेदजनक है. पुलिस द्वारा बल प्रयोग संतुलित होना चाहिए, अंधाधुंध नहीं होना चाहिए.''
पारदर्शी जांच हो- सीएम उमर अब्दुल्ला
सीएम ने कहा, ''जम्मू-कश्मीर ने इस तरह की घटनाओं की भारी कीमत पहले भी चुकाई है. इस घटना की पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से जांच की जानी चाहिए. मैं मोहम्मद परवेज के परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं. अल्लाह उन्हें जन्नत अता फरमाए.''
क्या बोलीं महबूबा मुफ्ती?
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री और और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने गोलीबारी में युवक की हत्या की समयबद्ध जांच की मांग की. उन्होंने एक्स पर लिखा, "कल सतवारी में पुलिस ने एक आदिवासी युवक मोहम्मद परवेज़ की हत्या कर दी. अब उस पर ड्रग डीलर होने का ठप्पा लगा दिया गया है, लेकिन अगर ऐसा है भी, तो भी हम एक लोकतांत्रिक देश में रहते हैं, जहां न्याय कानूनी प्रक्रिया के तहत मिलता है, न कि खाप पंचायतों या कंगारू अदालतों के जरिए.''
महबूबा मुफ्ती ने कहा, ''मैं दिल से आशा करती हूं कि डीजी इस चौंकाने वाली घटना का संज्ञान लें और एक निष्पक्ष व समयबद्ध जांच के आदेश दें. हमें इस तरह की एनकाउंटर संस्कृति को न तो स्वीकार करना चाहिए और न ही बढ़ावा देना चाहिए, क्योंकि यही चीज़ें लोगों को सिस्टम से दूर करती हैं.''
परवेज अहमद उर्फ बच्चू जावेद नगर, निकी तवी का रहने वाला था. 30 वर्षीय परवेज के पिता का नाम रहमत अली है.