भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने आरोप लगाया है कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला पाकिस्तानी ISI के इशारों पर नाच रहे हैं. पार्टी ने पहलगाम और घाटी में हिंदुओं को निशाना बनाकर किए गए आतंकवाद पर उनकी चुप्पी पर सवाल भी किए हैं.
फारूक के मुख्यमंत्रित्व काल में घाटी से हिंदुओं को बेदखल किया- तरुण चुघ
जम्मू-कश्मीर में शांति और विकास लाने के लिए मोदी सरकार पर की गई उनकी टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने कहा कि फारूक अब्दुल्ला को याद रखना चाहिए कि उनके मुख्यमंत्रित्व काल में घाटी से हिंदुओं को कैसे बेदखल किया गया था.
चुघ ने कहा कि फारूक अब्दुल्ला हमेशा से ही पाकिस्तानी ISI के इशारों पर नाचते रहे हैं और यही कारण है कि उन्होंने कभी भी उन हिंदू पर्यटकों का साथ नहीं दिया, जिन्हें पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों ने गोली मार दी थी.
अनुच्छेद 370 हटते ही बदला कश्मीर- तरुण चुघ
चुघ ने कहा कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने से पहले अब्दुल्ला परिवार के लिए यह एक बहुत ही "सुखद दौर" था, और अब जब जम्मू-कश्मीर शांति और विकास के एक नए युग का अनुभव कर रहा है, तो अब्दुल्ला परिवार के सामने एक समस्या है.
चुघ ने कहा कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद ही जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र की शुरुआत हुई, यहां तक कि इसके भीतरी इलाकों में भी. उन्होंने आगे कहा कि अब्दुल्ला परिवार के शासन के दौरान लोकतंत्र पूरी तरह से नष्ट हो गया था.
1990 पर फारूक अब्दुल्ला की चुप्पी पर सवाल
चुघ ने 1990 की दुखद घटनाओं के दौरान अब्दुल्ला की चुप्पी पर सवाल उठाया, जब कश्मीरी पंडितों को एक क्रूर नरसंहार का सामना करना पड़ा और उन्हें अपने घरों से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा.
उन्होंने पूछा कि अब्दुल्ला उस समय लोकतंत्र के पक्ष में क्यों नहीं बोले और ऐसा कौन सा आपातकाल था जो एक पूरे समुदाय की पीड़ा को नजरअंदाज करने को सही ठहरा सकता था.
चुघ ने कहा कि इस तरह की चुनिंदा चिंता केवल एक राजनीतिक एजेंडे को उजागर करती है, जिसका उद्देश्य लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने के बजाय लोगों को गुमराह करना है.