Pahalgam Terror Attack: जम्मू कश्मीर विधानसभा सत्र की सोमवार को कार्यवाही शुरू होते ही स्पीकर ने पहलगाम आतंकी हमले को लेकर अपना पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि इस सत्र में हम यह पैगाम देना चाहते हैं कि पूरी दुनिया आतंकवादी हमले के खिलाफ है. पहलगाम हमले ने इंसानों को झंझोड़ कर रख दिया.
उन्होंने पहलगाम हमले की निंदा करते हुए कहा कि यह हमला उन चुनौतियों को याद दिलाता है जिनका हम सब सामना कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा, "मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि वो पूरे देश सहित जम्मू कश्मीर के नागरिकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करे."
जम्मू कश्मीर विधानसभा के स्पीकर अब्दुल रहीम राथर का बयान समाप्त होने के बाद उपमुख्यमंत्री सुरेंद्र चौधरी ने पहलगाम हमले को लेकर सदन में रेजोल्यूशन पेश किया. सदन के अंदर सभी दलों के सदस्यों ने एक सुर में प्रस्ताव का समर्थन किया और पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की. इस दौरान सदन में मौन भी रखा गया. सदन में शहीद सैयद आदिल हुसैन शाह को श्रद्धांजलि दी गई. उन्होंने पर्यटकों को बचाने के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे.
आतंकी हमले की निंदा के लिए हमारे पास लफ्ज नहीं- सुरेंद्र चौधरी
जम्मू कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरेंद्र चौधरी ने कहा, "आज जम्मू कश्मीर के लोगों के पास वो लफ्ज नहीं है, जिन लफ्जों से हम इस हादसे की निंदा करें. जम्मू कश्मीर मेहमाननवाजी के लिए पहचाना जाता है. जो लोग भी यहां से गए वह लोग यहां के एंबेसडर बनकर गए. जम्मू कश्मीर में शेर और बकरी ने एक साथ पानी पिया है. हमारा इतिहास तो भाईचारे का है."
उन्होंने आगे कहा, "यहां के लिए महात्मा गांधी ने भी कहा था कि अगर कहीं से मुझे रोशनी की किरण नजर आती है तो वह जम्मू कश्मीर है. कुछ लोग जम्मू कश्मीर के भाईचारे को नजर लगाना चाहते हैं. इसको खत्म करना चाहते हैं."
उपमुख्यमंत्री सुरेंद्र चौधरी ने ये भी कहा कि जम्मू कश्मीर की धरती कई बार खून से लथपथ हुई. इस भाईचारे की विशाल देश और दुनिया में दी जाती है. अदिल शाह ने अपनी जान लोगों की जान बचाने में गंवा दिया. हम दुआ करते हैं कि यह जम्मू कश्मीर पर आखिरी हमला हो और इसके बाद जम्मू कश्मीर में कोई हमला न हो.