राज्यसभा चुनाव से पहले एकजुटता दिखाते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और कांग्रेस विधायकों ने गुरुवार (23 अक्टूबर) को जम्मू-कश्मीर विधानसभा में मौन धरना दिया. विधायकों ने आप विधायक मेहराज मलिक की तत्काल रिहाई की मांग की. इस धरने का उद्देश्य विधायक की नज़रबंदी की ओर ध्यान आकर्षित करना और अधिकारियों से उन्हें अपने विधायी कार्य फिर से शुरू करने की अनुमति देने का आग्रह करना था.
जम्मू-कश्मीर विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले मौन धरने के दौरान मीडियाकर्मियों से बात करते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) विधायक तनवीर सादिक ने कहा कि मेहराज मलिक को तुरंत रिहा किया जाना चाहिए. एक निर्वाचित प्रतिनिधि के रूप में उन्हें संवैधानिक दायित्वों का निर्वहन करना है.
तनवीर सादिक ने कहा, "मेहराज मलिक एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि हैं. नेशनल कॉन्फ्रेंस और उनके सभी सहयोगी चाहते हैं कि वह विधानसभा में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें." उन्होंने आगे कहा कि यह लोकतंत्र के लिए भी आवश्यक है. लोकतंत्र में सबसे महत्वपूर्ण जवाबदेही यह है कि लोग अपने प्रतिनिधि का चुनाव करें, और उन्हें अपनी ज़िम्मेदारियाँ निभाने में सक्षम होना चाहिए. हमारी अपील है कि मेहराज मलिक को तुरंत रिहा किया जाना चाहिए ताकि वह अपने विधायी कर्तव्यों का निर्वहन कर सकें."
विधायक को गिरफ़्तार नहीं किया जाना चाहिए- तनवीर सादिक
इसके आगे उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि किसी भी विधायक को पहले तो गिरफ़्तार नहीं किया जाना चाहिए. इसीलिए हम यह मौन धरना दे रहे हैं. अधिकारियों से मेहराज मलिक को रिहा करने की अपील करने के लिए ताकि वह अपने लोगों का प्रतिनिधित्व कर सकें और सदन में अपनी ज़िम्मेदारियाँ निभा सकें." उन्होंने आगे कहा, "इस मुद्दे की ओर ध्यान आकर्षित करने और आप विधायक की तत्काल रिहाई की मांग के लिए विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायकों ने यह धरना दिया." तख़्तियों पर 'वोट का सम्मान करें, आवाज़ का सम्मान करें, मेहराज मलिक को रिहा करें' लिखा था.