जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ सुरक्षाबलों का प्रहार जारी है. आज (30 जुलाई) ही सुरक्षाबलों ने लश्कर ए तैयबा के दो आतंकियों को पुंछ में मार गिराया. ये दोनों ही आतंकी पाकिस्तान की तरफ से घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे. इस ऑपरेशन को सेना ने ऑपरेशन शिवशक्ति नाम दिया. इससे पहले 28 जुलाई को सुरक्षाबलों ने तीन आतंकियों को ढेर कर दिया था.
तीनों ही आतंकी पहलगाम आतंकी हमले में शामिल थे. इस ऑपरेशन को सेना ने ऑपरेशन महादेव नाम दिया. भगवान शिव के अलग-अलग नाम पर ऑपरेशन के नाम ऐसे समय में दिए जा रहे हैं जब जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रा चल रही है. शिव भक्त लगातार बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं.
सेना ने क्या कहा?
सेना की जम्मू स्थित व्हाइट नाइट कॉर्प्स ने सुबह करीब 10 बजे एक्स पर हैशटैग ऑपरेशन शिवशक्ति के साथ लिखा, ''एक सफल घुसपैठ रोधी अभियान में सतर्क भारतीय सेना के जवानों ने नियंत्रण रेखा के पार से घुसपैठ की कोशिश कर रहे दो आतंकवादियों को मार गिराया. त्वरित कार्रवाई और सटीक फायरिंग से उनके नापाक इरादों को नाकाम कर दिया गया. तीन हथियार बरामद किए गए हैं. अपनी खुफिया इकाइयों और जम्मू-कश्मीर पुलिस से प्राप्त समन्वित और संगठित खुफिया जानकारी के चलते यह अभियान सफल रहा. अभियान अभी जारी है.''
अधिकारियों ने कहा कि मंगलवार देर रात डेगवार सेक्टर के मालदीवालां इलाके में घुसपैठ कर रहे आतंकियों की हलचल देखी गई. तभी खुफिया जानकारी के बाद अलर्ट बैठे जवानों से आतंकवादियों की मुठभेड़ शुरू हो गई. दोनों आतंकियों को मार गिराया गया. सुबह उजाला होने पर तलाशी अभियान चलाया गया, जिसमें दोनों आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि हुई.
ऑपरेशन महादेव
22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले के बाद बदला लेने के लिए भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया. पाकिस्तान और पीओके में हवाई हमले कर 100 से अधिक आतंकियों को भारतीय सेना ने मार गिराया. लेकिन बड़ा सवाल था कि पहलगाम में 26 लोगों की हत्या करने वाले आतंकी कहां हैं.
इस बीच 28 जुलाई को करीब साढ़े 12 बजे दिन में खबर आई की, तीन आतंकियों को श्रीनगर के बाहरी इलाके में घेर लिया गया है. सेना ने इसे ऑपरेशन महादेव नाम दिया. इसके बाद सेना ने करीब डेढ़ बजे बताया कि तीन आतंकियों को मार गिराया गया. इसके अगले दिन 29 जुलाई को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ऑपरेशन महादेव में मिली सफलता की डिटेल जानकारी दी. उन्होंने बताया कि पहलगाम के तीन हमलावरों को मार गिराया गया है. इन आतंकवादियों की पहचान सुलेमान, अफगानी और जिब्रान के रूप में हुई है. पहलगाम हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी.
अमित शाह ने कहा, ''सुलेमान और अफगानी लश्कर-ए-तैयबा का A-श्रेणी का कमांडर था, जबकि जिब्रान एक कुख्यात और वांछित आतंकवादी था.'' उन्होंने बताया कि इन आतंकवादियों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए उन लोगों को लाया गया, जिन्हें आतंकियों की मदद करने के आरोप में पहले ही हिरासत में लिया गया था. ये वही लोग थे जो आतंकवादियों को खाना और पनाह मुहैया कराते थे. आतंकियों के शव जब श्रीनगर लाए गए तो इन गवाहों ने पुष्टि की कि ये वही लोग हैं जो पहलगाम हमले में शामिल थे.
तीन दिनों में 5 आतंकियों के सफाए के बीच जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) नलिन प्रभात ने कहा कि पूरे क्षेत्र में कई ऑपरेशन चल रही हैं. इसके तहत आतंकवादियों का एक-एक करके सफाया किया जा रहा है.
उन्होंने कहा, “वे (आतंकवादी) पिछले चार वर्षों से यहां सक्रिय हैं. अभियान लगातार जारी हैं. उनका एक-एक करके सफाया किया जा रहा है.”
हथियारों का हुआ मैच
गृह मंत्री ने आगे बताया कि मारे गए आतंकियों से बरामद किए गए M-9 और AK-47 राइफलों को सोमवार रात एक विशेष विमान से चंडीगढ़ स्थित सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी भेजा गया, जहां उनकी जांच की गई. फॉरेंसिक लैब ने पुष्टि की कि पहलगाम में मिले खाली कारतूस और इन हथियारों से टेस्ट फायरिंग के दौरान निकली गोलियों का मेल हुआ है. शाह ने कहा कि उनके पास इस संबंध में बैलिस्टिक रिपोर्ट मौजूद है. सुरक्षाबलों ने मारे गए आतंकियों से पाकिस्तानी वोटर ID, पाकिस्तान में बनी चॉकलेट्स और हथियार भी बरामद किए हैं.