मीरवाइज उमर फारूक की अवामी एक्शन कमेटी और JKIM पर बैन बरकरार, ट्रिब्यूनल का फैसला
Jammu Kashmir News: जस्टिस सचिन दत्ता की अध्यक्षता वाले ट्रिब्यूनल ने पाया कि उनके समक्ष प्रस्तुत सामग्री और साक्ष्यों से पता चला कि दोनों समूहों को गैरकानूनी संगठन घोषित करने के पर्याप्त औचित्य हैं.

दिल्ली हाई कोर्ट के दो न्यायाधिकरणों ने कश्मीर के प्रभावशाली धर्मगुरु मीरवाइज उमर फारूक की अध्यक्षता वाली अवामी एक्शन कमेटी और शिया नेता मसरूर अब्बास अंसारी के नेतृत्व वाली जम्मू-कश्मीर इत्तिहादुल मुस्लिमीन पर केंद्र की ओर से लगाए गए बैन को बरकरार रखा है. ट्रिब्यूनल ने दोनों संगठनों को गैरकानूनी घोषित करने के केंद्र के फैसले को सही ठहराया है. दोनों संगठनों के सदस्यों पर गैरकानूनी और आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने के लिए धन जुटाने में शामिल रहने का आरोप है.
जस्टिस सचिन दत्ता की अध्यक्षता वाले ट्रिब्यूनल ने पाया कि उनके समक्ष प्रस्तुत सामग्री और साक्ष्यों से पता चला है कि दोनों समूहों को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत गैरकानूनी संगठन घोषित करने के पर्याप्त औचित्य हैं.
दिल्ली HC के ट्रिब्यूनल ने आदेश में क्या कहा?
ट्रिब्यूनल की ओर से जारी समान आदेश में कहा गया, "इस प्रकार, यह न्यायाधिकरण, यूएपीए और उसके नियमों में निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए और स्वतंत्र रूप से और निष्पक्ष रूप से रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्री और साक्ष्यों का मूल्यांकन करते हुए, इस दृढ़ और सुविचारित निष्कर्ष पर पहुंचता है कि संगठन को यूएपीए की धारा 3(1) के तहत गैरकानूनी संगठन घोषित करने के पर्याप्त कारण हैं."
गृह मंत्रालय ने दोनों ग्रुप पर बैन लगाते हुए क्या कहा था?
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दोनों संगठनों पर बैन लगाया है. 11 मार्च को, दोनों समूहों पर प्रतिबंध लगाते हुए, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा था कि अवामी एक्शन कमेटी (एएसी) और जम्मू-कश्मीर इत्तिहादुल मुस्लिमीन (जेकेआईएम) गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त हैं जो देश की अखंडता, संप्रभुता और सुरक्षा के लिए हानिकारक हैं.
गैरकानूनी गतिविधियों के लिए धन जुटाने का आरोप
इसमें ये भी कहा गया कि दोनों समूहों के नेता और सदस्य जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी, पृथकतावादी और आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने सहित गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन जुटाने में शामिल रहे हैं.
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL
























