Engineer Rashid Bail: जेल में बंद निर्दलीय सांसद इंजीनियर रशीद को मंगलवार (24 दिसंबर) को झटका लगा. दिल्ली की एक अदालत ने टेरर फंडिंग मामले में जम्मू-कश्मीर के बारामूला से सांसद रशीद की नियमित जमानत याचिका पर आदेश पारित करने से इनकार कर दिया.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश चंदर जीत सिंह ने जमानत याचिका पर आदेश सुनाने संबंधी आरोपी की अर्जी खारिज कर दी. जज ने कहा कि वर्तमान चरण में वह केवल ‘विविध’ (मिसलेनियस) अर्जी पर ही फैसला कर सकते हैं, नियमित जमानत याचिका पर नहीं. 

जिला न्यायाधीश ने ट्रांसफर किया था केस

जिला न्यायाधीश ने 19 दिसंबर को इसे मामले को संबंधित अदालत में वापस भेज दिया था.  एएसजे अदालत ने जिला न्यायाधीश से अनुरोध किया था कि रशीद अब सांसद हैं और इसे देखते हुए कि मामले को सांसदों/विधायकों से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिए गठित विशेष अदालत के समक्ष भेज दिया जाए.

जिला न्यायाधीश ने सभी आरोपियों और अभियोजन एजेंसी, राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की सहमति से मामले को एएसजे को वापस भेज दिया. जिला न्यायाधीश ने यह आदेश उस वक्त पारित किया, जब उन्हें बताया गया कि अदालत के अधिकार क्षेत्र से संबंधित एक मामला वर्तमान में दिल्ली हाई कोर्ट में लंबित है.

एएसजे मामले की सुनवाई तब तक जारी रखेंगे, जब तक कि उच्च न्यायालय अधिकार क्षेत्र के मुद्दे पर अंतिम आदेश पारित नहीं कर देता.  रशीद के वकील और एनआईए ने संयुक्त रूप से मामले को उसी अदालत में रहने देने का अनुरोध किया था, जिसमें पहले से सुनवाई हो रही थी. 

विशेष न्यायाधीश ने एनआईए मामले के अलावा धनशोधन से जुड़े एक मामले और राशिद की नियमित जमानत याचिका को सांसदों/विधायकों के लिए बनी अदालत में स्थानांतरित करने की सिफारिश की थी.

विधानसभा चुनाव में मिली थी जमानत

रशीद को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 2019 में आतंकी फंडिंग से जुड़े आरोप में गिरफ्तार किया था. उन्हें जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में अवामी इतेहाद पार्टी के उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने के लिए 10 सितंबर को अंतरिम जमानत दी गई थी. इसके बाद उन्होंने 28 अक्टूबर को तिहाड़ जेल में सरेंडर किया.

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