जम्मू-कश्मीर के सात सौ से ज्यादा युवा गुरुवार (4 दिसंबर) को देश सेवा के लिए भारतीय सेना में शामिल हो गए. श्रीनगर में जम्मू और कश्मीर लाइट इन्फैंट्री के रेजिमेंटल सेंटर के मुख्य परेड ग्राउंड में गुरुवार (4 दिसंबर) को ईमानदारी और देशभक्त की भावना की गूंज के बीच 711 अग्निवीर के छठे बैच ने भारतीय सेना की अमर परंपराओं के साथ अपना पवित्र मार्च किया. 

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ये सब जवान जम्मू और कश्मीर की मिट्टी के गर्वित बेटे हैं. जो गुरुवार (4 दिसंबर) को उस पलटन का हिस्सा बने जिसने आजादी से पहले और आजादी के बाद भी देश के लिए कुर्बानी दी है. इस शानदार पासिंग आउट परेड की अध्यक्षता जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने की अधिकारियों को इस मौके को और भी खास बना दिया. 

सीएम उमर अब्दुल्ला ने ली सलामी

उमर अब्दुल्ला पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने इस गोरांवित पलटन के दीक्षांत समारोह में सलामी ली. इस समारोह की रौनक बढ़ाने वालों में लेफ्टिनेंट जनरल प्रशांत श्रीवास्तव, चिनार कॉर्प के कमांडर, मेजर जनरल अभिजीत मित्रा, सब एरिया कमांडर और मेजर जनरल सौरभ शर्मा, चीफ ऑफ स्टाफ, चिनार कॉर्प के साथ ही एयर फोर्स, पुलिस और सिविल डिफेंस के सीनियर अधिकारी शामिल हैं.

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माता-पिता ने बच्चों को सौंपे उनके नाम

समारोह में जब माता-पिता ने अपने बेटों को सम्मान के साथ उनके नाम सौंपे तो हवा में गर्व की लहर दौड़ गई. परिवार वालों की मदद में यह परेड सिर्फ एक रस्मी नजारा नहीं था. यह एक ऐलान था कि मुश्किल हालात में भी भारत की हिम्मत का एक मजबूत सबूत था.

हाल ही में हुए आतंकवादी हमलों के बाद यह परेड देश की ताकत और एकता की एक मजबूत निशानेबाज के तौर पर खड़ी थी. इस ग्रुप को ट्रेनिंग शुरू हुए मुश्किल से एक हफ्ता हुआ था कि ऑपरेशन सिंदूर शुरू हो गया.

त्याग, हिम्मत और देशभक्त की जीती-जागती मिसाल

ऑपरेशन के हाई-इंटेंसिटी वाले समय में की गई जबरदस्त ड्रिल ने इन नए ट्रेंड हथियारों के लिए लड़ाई का टीका जैसा काम किया और उनमें एक मजबूत इरादा पैदा किया. आज का नजारा त्याग, हिम्मत और देशभक्त की जीती-जागती मिसाल थी.

क्या बोले सीएम उमर अब्दुल्ला?

अग्निवीरो से बात करते हुए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि आपका कमिटमेंट सिर्फ आपके अपने काम के लिए नहीं है, बल्कि भारत के विचार के लिए भी है. आप जम्मू और कश्मीर के सबसे अच्छे बेटे हैं जो अब देश का सबसे मजबूत स्तंभ बन गए हैं. 

उनकी भावनाएं परेड ग्राउंड में गहराई तक गूंज रही थीं, वे इंस्ट्रक्टर की दिल से तारीफ की, उस बेहतरीन ट्रेनिंग स्टैंडर्ड की तारीफ की जिसने लड़के को अनुशासन और हिम्मत की मिसाल बना दिया.