Jammu Kashmir Politics: जम्मू कश्मीर की राजनीति में एक किताब ने में हलचल मचा दी है. पूर्व रॉ चीफ ए.एस. दुलत (Amarjit Singh Dulat) की नई किताब 'द चीफ मिनिस्टर एंड द स्पाय' (The Chief Minister and the Spy) में अनुच्छेद 370 के जिक्र ने मानो कई पार्टियों आसने सामने खड़ा कर दिया है.

इस किताब के हवाले से दुलत ने कथित तौर पर ये दावा किया कि फारूक अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 हटाने का 'गुप्त रूप से' समर्थन किया था. इस पर PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने तीखा हमला बोला है. 

कुर्सी के लिए कुछ भी कर सकती हैं NC- महबूबा मुफ्ती

उन्होंने कहा, "नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता कुर्सी के लिए कुछ भी कर सकते हैं. ये तो बीजेपी के साथ जाने को भी तैयार थे. दुलत साहब फारूक अब्दुल्ला के बेहद करीबी रहे हैं, और उनकी मदद करना चाहते हैं. वह दिल्ली को यह संदेश देना चाहते हैं कि फारूक साहब आपके साथ आना चाहते हैं."

पूर्व रॉ चीफ दुलत ने दी प्रतिक्रिया

हालांकि, इस राजनीतिक उबाल के बीच खुद पूर्व रॉ प्रमुख दुलत ने अपनी सफाई पेश की है. उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए बयान में कहा, "किताब में कहीं भी मैंने नहीं लिखा कि फारूक अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 का समर्थन किया. यह पूरी तरह बकवास है और सिर्फ एक मीडिया स्टंट है. किसी ने भी अनुच्छेद 370 हटाने का समर्थन नहीं किया, हां, इसे हटाने का तरीका अलग हो सकता था — बातचीत के जरिये."

दुलत ने साफ किया कि उनकी किताब फारूक अब्दुल्ला की आलोचना नहीं, बल्कि एक प्रशंसा है. उन्होंने कहा, "नेशनल कॉन्फ्रेंस द्वारा बनी सरकार कश्मीर के लिए सबसे सकारात्मक बात थी. इसे भारी बहुमत मिला. यही परिवार है जो कश्मीर को आगे ले जा सकता है. हालांकि, अन्य पार्टियों की भी अपनी भूमिका है."

इधर समर्थन वाली बात को सिरे नकारते हुए फारूक अब्दुल्ला ने भी अपनी चुप्पी तोड़ी. उन्होंने पलटवार करते हुए कहा, "ये सब किताब की बिक्री बढ़ाने के लिए किया गया एक सस्ता स्टंट है."

कुल मिलाकर, 'दुलत की किताब' अब सिर्फ एक किताब नहीं रही, बल्कि कश्मीर की राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप का नया अध्याय बन चुकी है. क्या यह सिर्फ एक साहित्यिक विमर्श है या इसके पीछे कोई गहरी राजनीतिक रणनीति? ये आने वाला समय बताएगा.