उमर अब्दुल्ला के 'सिग्नेचर कैंपेन' पर भड़के इनाम उन नबी, बोले- 'पहले BJP के सामने समर्पित हो गए थे, अब...'
Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर के राज्य दर्जे की मांग पर उमर अब्दुल्ला के हस्ताक्षर अभियान पर एआईपी के इनाम उन नबी ने तीखी प्रतिक्रिया दी. इसे राजनीतिक विफलता और दिखावटी नाटक बताया.

जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग को लेकर घर-घर जाकर हस्ताक्षर अभियान शुरू करने की उमर अब्दुल्ला की घोषणा पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अवामी इतिहाद पार्टी (AIP) के मुख्य प्रवक्ता इनाम उन नबी ने गुरुवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) नेतृत्व की कड़ी आलोचना की और इस कदम को "राजनीतिक अप्रासंगिकता और घोर विफलता का शर्मनाक स्वीकारोक्ति" बताया.
उनहोंने कहा कि उमर अब्दुल्ला के पास जनता के अधिकारों के लिए लड़ने का एक सुनहरा अवसर था, जब एनसी को कश्मीरियों की आकांक्षाओं, खासकर अनुच्छेद 370 और राज्य के दर्जे के मुद्दे पर, का प्रतिनिधित्व करने का पूर्ण जनादेश मिला.
इनाम उन नबी ने एनसी की चुप्पी को बताया चिंता का विषय
इनाम उन नबी ने कहा कि इन लक्ष्यों को दृढ़ता से प्राप्त करने के बजाय एनसी ने बीजेपी के सामने आत्मसमर्पण और नरम आज्ञाकारिता का रास्ता चुना है. यह हस्ताक्षर अभियान उनके विश्वासघात से ध्यान हटाने के अलावा और कुछ नहीं है.
AIP नेता ने उमर अब्दुल्ला के बयान को राजनीतिक नाटक का एक उत्कृष्ट उदाहरण बताया और कहा कि सत्ता में एनसी का पिछला प्रदर्शन और 5 अगस्त, 2019 के बाद के महत्वपूर्ण सालों में उनकी चुप्पी उनकी प्राथमिकताओं के बारे में बहुत कुछ कहती है.
उमर अब्दुल्ला घर-घर जाकर हस्ताक्षर इकट्ठा कर रहे हैं - इनाम
इनाम ने कहा कि अगर उमर अब्दुल्ला में सचमुच इच्छाशक्ति होती, तो वे विपक्षी विधायकों समेत सभी विधायकों को संगठित करते, कानूनी और संवैधानिक रास्ते अपनाते और अधिकारों की बहाली के लिए राष्ट्रीय स्तर पर आम सहमति बनाते.
उनहोंने कहा कि इसके बजाय, अब वे घर-घर जाकर हस्ताक्षर इकट्ठा कर रहे हैं, मानो कश्मीर की गरिमा को एक याचिका पत्र से बेचा जा सकता है. इनाम ने कहा कि अगर आप (एनसी) विधानसभा और दिल्ली में आपको सौंपी गई जिम्मेदारी का बचाव नहीं कर सके, तो अब हमें इस भावनात्मक नाटक से बचाइए.
AIP ने दोहराया कि वह इस तरह के कठपुतली नाटकों को अस्वीकार करती है
इनाम ने कहा कि आप कोई अभियान नहीं चला रहे हैं, आप केवल अपनी नाकामी के लिए लिखित माफी मांग रहे हैं. AIP ने दोहराया कि वह इस तरह के कठपुतली नाटकों को अस्वीकार करती है और खोखले अभियानों के बजाय, वास्तविक, शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक प्रतिरोध के जरिए राज्य का दर्जा बहाल करने तथा पहचान और भूमि अधिकारों की सुरक्षा की मांग पर अड़ी हुई है.
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