ज्येष्ठ पूर्णिमा के पवित्र अवसर पर जम्मू में तवी रिवर फ्रंट पर बाबा अमरनाथ की प्रथम पूजा का आयोजन किया गया. इस पूजा का मकसद पहलगाम हमले के बाद पर्यटन में आई कमी को दोबारा पटरी पर लाना था. पहलगाम हमने के बाद जम्मू कश्मीर में पर्यटन में भारी कमी आई है. इस हमले के बाद पर्यटक जम्मू कश्मीर का रुख नहीं कर रहे हैं जिसका सीधा असर यहां के पर्यटन उद्योग पर पड़ा है.
अगले महीने से शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा को लेकर पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों में खासा उत्साह है. सरकार और पर्यटन उद्योग से जुड़े लोग अमरनाथ यात्रा के दौरान अधिक से अधिक पर्यटकों को जम्मू कश्मीर आने के लिए आकर्षित करने के लिए प्रयास कर रहे हैं.
विश्व हिंदू परिषद ने क्या कहा?
इसी संदर्भ में विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने जम्मू में पर्यटन से जुड़ी कई संस्थाओं के साथ मिलकर अमरनाथ की प्रथम पूजा का आयोजन किया. यह आयोजन जम्मू में तवी नदी के किनारे किया गया.
परिषद के मुताबिक पिछले कुछ दिनों में जो पाकिस्तान प्रायोजित आतंकियों ने आतंकी घटनाओ को अंजाम दिया जिसमें पहलगाम भी शामिल है, जिसमें पर्यटकों को उनका धर्म पूछ कर मौत के घाट उतारा गया. इस घटना के बाद देशभर के लोगों के मन में शंका थी और उसे शंका का निवारण करने के लिए और इस हमले के बाद किसी के मन में कोई शंका न रहे, इसी सिलसिले में यह सार्वजनिक पूजा का आयोजन किया गया.
इस पूजा अर्चना का मकसद जम्मू में अमरनाथ यात्रा और उसके बाद अधिक से अधिक पर्यटकों को जम्मू कश्मीर की तरफ आकर्षित करना था. इसी पूजा के बहाने देश भर के पर्यटकों को यह भी संदेश की जाने की कोशिश की गई कि जम्मू कश्मीर पर्यटन और पर्यटकों के लिए सुरक्षित है.