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जम्मू-कश्मीर की बडगाम विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में अब एक नया राजनीतिक मोड़ देखने को मिला है. आम आदमी पार्टी (AAP) की उम्मीदवार दीबा खान ने जनता से अपने चुनाव प्रचार के लिए आर्थिक सहयोग की अपील की है. दीबा खान ने क्राउडफंडिंग के ज़रिए समर्थन मांगते हुए दावा किया कि बिना वित्तीय ताकत के आम लोगों के लिए राजनीति में प्रवेश करना बेहद कठिन होता जा रहा है.

दीबा खान ने X पर एक पोस्ट के माध्यम से कहा कि चुनावी प्रक्रिया अब “पूरी तरह पूंजी आधारित” हो गई है, जिससे आम नागरिकों के लिए इसमें भागीदारी मुश्किल होती जा रही है. उन्होंने लिखा, “चुनाव बहुत कैपिटल-इंटेंसिव होते हैं. मेरे जैसे आम इंसान के लिए क्राउडफंडिंग ही चुनाव खर्च मैनेज करने का एकमात्र तरीका है.”

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'कैंपेन असरदार तरीके से जारी रखने के लिए चाहती हूं आपका समर्थन'

पोस्ट में उन्होंने QR कोड और बैंक अकाउंट विवरण भी साझा किए और समर्थकों से स्वेच्छा से योगदान करने की अपील की. उन्होंने कहा कि जनता के सहयोग से वह अपना अभियान प्रभावी ढंग से आगे बढ़ा सकेंगी. उन्होंने लिखा, “मैं अपना कैंपेन असरदार तरीके से जारी रखने के लिए आपका समर्थन चाहती हूं.” .

दीबा खान के अनुसार, उनका चुनाव अभियान “ट्रांसपेरेंसी, अकाउंटेबिलिटी और पार्टिसिपेटरी गवर्नेंस” को बढ़ावा देने पर केंद्रित है. उन्होंने दावा किया कि उनकी कोशिश राजनीति में आम लोगों की भागीदारी बढ़ाने की है, जहां पैसों का बोलबाला न हो.

'नेशनल कॉन्फ्रेंस और बीजेपी ने बताया राजनीतिक हथकंडा'

हालांकि, उनके इस कदम ने राजनीतिक बहस को जन्म दे दिया है. नेशनल कॉन्फ्रेंस और भारतीय जनता पार्टी (BJP) दोनों ने उनकी क्राउडफंडिंग अपील को खारिज करते हुए इसे “राजनीतिक हथकंडा” बताया. आरोप है कि दीबा खान सोशल मीडिया के ज़रिए सहानुभूति बटोरने की कोशिश कर रही हैं और इसे चुनावी रणनीति का हिस्सा बताया.

बडगाम सीट पर उपचुनाव के दौरान सभी पार्टियां चुनाव प्रचार में जुटी हैं, ऐसे में AAP उम्मीदवार का यह कदम सियासी दिलचस्पी बढ़ा रहा है. अब देखना यह है कि क्या जनता दीबा खान के अभियान और उनके “क्लीन फंडिंग मॉडल” को समर्थन देती है, या विपक्ष का आरोप भारी पड़ता है.