Himachal Pradesh News: विश्व भर में लेट कम्यूनिटीज लीड (Let Communities Lead) थीम के साथ विश्व एड्स दिवस (World AIDS Day) मनाया जा रहा है. एड्स की गंभीर बीमारी से बचाव के प्रति जागरूकता के लिए इस दिन को मनाया जाता है. फिलहाल एड्स की बीमारी का इलाज उपलब्ध नहीं है. ऐसे में बचाव ही इसका एकमात्र उपाय है. मौजूदा वक्त में हिमाचल प्रदेश में 5 हजार 534 लोग एचआईवी पॉजिटिव हैं. प्रदेश के एआरटी सेंटर में मौजूदा समय में कुल 996 मरीजों का इलाज चल रहा है. इनमें 591 पुरुष, 380 महिलाएं, 11 बच्चे और 12 छोटी बच्ची शामिल हैं.

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हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के होटल पीटर हॉफ में एड्स जागरूकता कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि यह बीमारी लाइलाज है. ऐसे में बचाव ही इसका एकमात्र उपाय है. मुख्यमंत्री ने कहा कि वैज्ञानिक इसके इलाज के लिए शोध कर रहे हैं. ऐसे में संभव है कि आने वाले 10 सालों में इस लाइलाज बीमारी का भी इलाज किया जा सके. सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार एड्स मरीजों के उत्थान के लिए प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है. उन्होंने कहा कि बीते कुछ सालों से अगर तुलना की जाए, तो अब एड्स के प्रति लोगों में जागरूकता आई है. साथ ही एड्स से ग्रसित मरीजों को की भी समाज में स्वीकार्यता बढ़ी है.

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एड्स से ग्रसित मरीजों के लिए आएगी योजना- सुक्खू

मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य सरकार एड्स से ग्रसित मरीजों के लिए योजना लाने जा रही है. जिस तरह राज्य सरकार ने निराश्रित बच्चों के लिए योजना लाई है, उसी तर्ज पर एड्स मरीजों के लिए भी योजना आएगी. उन्होंने कहा कि मौजूदा वक्त में एड्स से ग्रसित बच्चों को केवल 18 साल तक ही देखभाल का लाभ मिलता है, लेकिन राज्य सरकार अब इस दिशा में आगे बढ़ रही है. एड्स से ग्रसित बच्चों की पढ़ाई का खर्च राज्य सरकार उठाएगी. साथ ही इन बच्चों के उत्थान के लिए 27 साल तक इनका ध्यान सरकार की ओर से ही रखा जाएगा.

सीएम सुक्खू ने कहा कि साल 2024-25 के बजट में विस्तृत योजना के साथ इसकी घोषणा होगी. उन्होंने कहा कि जिस तरह राज्य सरकार ने निराश्रित बच्चों के जीवन में बदलाव लाया है, उसी तरह एड्स मरीजों के जीवन में भी बदलाव लाने की कोशिश होगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार विधवाओं और मूक बधिरों के उत्थान के लिए भी योजना लाने जा रही है.

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