Himachal Political Crisis News: हिमाचल में राज्यसभा की एक सीट पर हुए चुनाव के बाद कांग्रेस की कलह खुलकर सामने आ गई है. सूत्रों के मुताबिक, जिन 34 विधायकों ने कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी के समर्थन में वोट किया उनमें भी सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को लेकर भारी नाराजगी है. सूत्रों की मानें तो 34 में से 20 विधायकों ने भी नेतृत्व से सीएम सुक्खू को बदलने की मांग की. विधायकों का कहना है कि सीएम सुक्खू ने सबको नजरअंदाज किया. 


क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों की शर्त


क्रॉस वोटिंग करने वाले छह विधायकों ने भी कहा था कि नाराजगी पार्टी नेतृत्व से नहीं बल्कि सीएम सुक्खू से है. सूत्रों ने ये भी कहा कि अगर सीएम बदला गया तो छह विधायक वापस आ सकते हैं. गौरतलब है कि 25 विधायक होने के बाद भी बीजेपी ने बाजी मार ली. बीजेपी के उम्मीदवार हर्ष महाजन और कांग्रेस कैंडिडेट अभिषेक मनु सिंघवी को 34-34 वोट मिले. बाद में पर्ची के जरिए विजेता का फैसला हुआ जिसमें हर्ष महाजन ने बाजी मार ली. बीजेपी के पक्ष में कांग्रेस के छह और तीन निर्दलीय विधायकों ने वोट किया.


बुधवार को सुक्खू सरकार की परीक्षा? 


लोकसभा चुनाव से पहले इस हार को कांग्रेस के लिए बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है. इस जीत से उत्साहित बीजेपी ने दावा किया कि सुक्खू सरकार के पास बहुमत नहीं है और ये सरकार गिर जाएगी. जीत के बाद हर्ष महाजन ने दावा किया कि राज्य में अब बीजेपी की सरकार बनेगी. बुधवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा में फाइनेंस बिल पेश होना है.


किन छह विधायकों ने की क्रॉस वोटिंग? 


कांग्रेस के जिन विधायकों के क्रॉस वोटिंग करने की आशंका पार्टी सूत्रों की तरफ से जताई गई उसमें धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा, सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा, कुटलैहड़ के विधायक देवेंद्र भुट्टो, गगरेट के विधायक चैतन्य शर्मा, लाहौल स्पीति के विधायक रवि ठाकुर और बड़सर के विधायक इंद्र दत्त लखनपाल के नाम शामिल हैं. 


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