Himachal Political Crisis: हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने गुरुवार को कांग्रेस के छह बागी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया है. इस मामले में अयोग्य घोषित हुए सुधीर शर्मा का बयान सामने आया है. सुधीर शर्मा ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया खुद डेढ़ घंटे तक विधानसभा में नहीं आए. अटेंडेंस रजिस्टर में हमारी हाजिरी लगी है, लेकिन हमें इस पूरे मामले में कोई नोटिस नहीं मिला.
सुधीर शर्मा ने कहा कि सिर्फ एक ही सदस्य को नोटिस जारी किया गया है. उन्होंने कहा कि वह विधायकों को अयोग्य घोषित किए जाने के मामले में सुनाए गए फैसले को कोर्ट में चुनौती देंगे. सुधीर शर्मा ने कहा कि इस सरकार का जाना तय है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार अल्पमत में है.
बता दें कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा स्पीकर ने छह कांग्रेस के बागी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया है. संसदीय कार्य मंत्री और मुख्य सचेतक हर्षवर्धन चौहान की ओर से दायर की गई याचिका के बाद स्पीकर ने यह फैसला सुनाया है. हिमाचल प्रदेश कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक हर्षवर्धन चौहान ने बजट पर लाए गए कट मोशन के लिए व्हिप जारी कर सभी विधायकों को मौजूद रहने के लिए कहा था, लेकिन यह विधायक इससे नदारद थे.
कोर्ट से भी राहत न मिली, तो होंगे उपचुनाव
हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि दल बदल कानून को इसलिए बनाया गया है, ताकि विधायकों की खरीद फरोख्त न हो. उन्होंने कहा कि वह आने वाले समय में इस मामले को लेकर बड़ी-बड़ी बातें भी बताएंगे. हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने सुधीर शर्मा, राजिंदर राणा, आईडी लखनपाल, देवेंद्र भुट्टो, चैतन्य शर्मा और रवि ठाकुर को डिसक्वालिफाई किया है. अगर इन सभी छह अयोग्य घोषित किए गए विधायकों को कोर्ट से कोई राहत नहीं मिलती है, तो प्रदेश में उपचुनाव की स्थिति पैदा हो जाएगी. इन सभी छह सीटों पर उपचुनाव होंगे और जानकारी के मुताबिक यह सभी विधायक भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर ही चुनाव लड़ेंगे.
गौरतलब है कि धर्मशाला से सुधीर शर्मा, सुजानपुर से राजिंदर राणा, बड़सर से आईडी लखनपाल, कुटलैहड़ से देवेंद्र भुट्टो, लाहौल स्पीति से रवि ठाकुर और गगरेट से चैतन्य शर्मा कांग्रेस की टिकट पर जीतकर विधानसभा पहुंचे थे.