Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार (05 फरवरी) को नालागढ़ के दभोटा में पहली ग्रीन परियोजना की आधारशिला रखी. उत्तर भारत के पहले एक मेगावाट क्षमता के ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट को 9.04 करोड़ रुपये की इस महत्वाकांक्षी परियोजना को हिमाचल प्रदेश पावर कार्पोरेशन लिमिटेड की ओर से ऑयल इंडिया लिमिटेड के संयुक्त तत्वावधान से विकसित किया जा रहा है.
मुख्यमंत्री ने इस परियोजना का काम एक साल में पूरा करने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश को मार्च, 2026 तक देश के पहले हरित ऊर्जा राज्य के रूप में स्थापित करने की प्रतिबद्धता को दोहराया है.
हर दिन होगा 423 किलोग्राम ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादनइस हाइड्रोजन प्लांट के लिए आकलन के बाद दभोटा में चार हजार वर्ग मीटर की भूमि का चयन किया गया है. यह प्लांट इलेक्ट्रोलाइट के रूप में एल्कलाइन पोटेशियम हाइड्रॉक्साइड मिक्सचर का इस्तेमाल कर इलेक्ट्रोलाइसिस से नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों (Renewable Energy Sources) के इस्तेमाल से हाइड्रोजन का उत्पादन करेगा. इस प्लांट की प्रतिदिन 423 किलोग्राम ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन की क्षमता है. इसके लिए प्रति किलोग्राम हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए 13 लीटर पानी की जरूरत होगी. उत्पादन की प्रक्रिया के दौरान प्रति किलोग्राम हाइड्रोजन के लिए लगभग 52.01 यूनिट बिजली की खपत होगी. इस प्लांट में हर साल 1 लाख 54 हजार किलोग्राम ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन होने की संभावना है.
प्रोजेक्ट के बारे में CM सुक्खू ने क्या कहा?इस दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा- "दभोटा ग्रीन एनर्जी प्लांट प्रदेश की नवीकरणीय ऊर्जा की सतत यात्रा में मील पत्थर साबित होगा. हिमाचल प्रदेश के प्रयासों से यह नवाचार पहल अक्षय और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में हिमाचल को अग्रणी रूप से स्थापित करेगी. हरित ऊर्जा राज्य की परिकल्पना को साकार करते हुए प्रदेश सरकार ने 26 अप्रैल, 2023 को आयल इंडिया लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया गया है. इसके तहत सौर ऊर्जा, जियो थर्मल ऊर्जा और कम्प्रेस्ड बायोगैस के विकास की दिशा में कार्य किया जाएगा".