बीजेपी सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत ने महाराष्ट्र में चल रहे हिंदी-मराठी भाषा विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने बिना नाम लिए उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा और कहा कि कुछ लोग राजनीतिक लाभ के लिए सनसनी फैला रहे हैं.
मंडी में न्यूज़ एजेंसी IANS से बातचीत में उन्होंने देश की एकता पर जोर देते हुए कहा कि कुछ लोग राजनीतिक लाभ के लिए सनसनी फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. कंगना ने मराठी और हिमाचली लोगों की तुलना करते हुए दोनों को भोला और प्रेमपूर्ण बताया.
कंगना रनौत ने कहा, "महाराष्ट्र के लोग, खासकर मराठी लोग, बहुत प्यारे और सीधे-साधे हैं, ठीक वैसे ही जैसे हमारे हिमाचली लोग. कुछ लोग राजनीति में छा जाने के चक्कर में अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए सनसनी फैलाते हैं, लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हम सब एक देश के हिस्सा हैं." उन्होंने आगे कहा, "महाराष्ट्र, गुजरात, दक्षिण भारत सभी जगह के लोग हिमाचल आते हैं. वे कितने भोले लोग होते हैं. हमें अपने देश की एकता को नहीं भूलना है."
क्या है मराठी-हिंदी विवाद?
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में हिंदी और मराठी के विवाद ने सियासी पारा चढ़ा हुआ है. ये विवाद तब शुरू हुआ जब स्कूलों में हिंदी पढ़ाए जाने का महाराष्ट्र सरकार ने आदेश जारी किया. सरकार ने आदेश जारी किया कि पहली कक्षा से पांचवीं कक्षा तक हिंदी पढ़ना अनिवार्य होगा. इस आदेश के जारी होते ही सियासत शुरू हो गई. विपक्ष भड़क गया.
5 जुलाई को उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे इस आदेश के खिलाफ रैली करने वाले थे. महाराष्ट्र सरकार ने इस रैली से पहले ही हिंदी को लेकर जारी सरकारी आदेश को वापस ले लिया. विपक्षी दलों ने इसे अपनी जीत करार दिया. वहीं सत्ताधारी दलों का कहना है कि मराठी भाषा से किसी तरह का समझौता नहीं किया गया है.
इस विवाद ने उग्र रूप भी धारण कर लिया. राज ठाकरे की पार्टी के समर्थकों ने एक निवेशक के दफ्तर पर हमला बोल दिया. बाद में पुलिस ने पांच एमएनएस समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया.