हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया है कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दल हिमाचल की तर्ज पर ही बिहार को "गारंटियों के नाम पर ठगने की शातिर चाल" चल रहे हैं. चंडीगढ़ प्रेस क्लब द्वारा आयोजित “मीट द प्रेस” कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस ने 2022 में हिमाचल में झूठी गारंटियां देकर "जनादेश चोरी किया" और अब वही हथकंडे बिहार में अपना रही है.

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नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर विशेष निशाना साधा. उन्होंने कहा कि हिमाचल के सीएम कांग्रेस की "गारंटियों के ब्रांड एम्बेसडर" के तौर पर बिहार गए और "झूठ बोलने के अपने पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए". उन्होंने कहा कि कांग्रेस की "झूठी गारंटियों की हांडी एक बार चढ़ गई," और अब देश का कोई भी नागरिक उनके झांसे में नहीं आएगा.

कोविड योद्धाओं को नौकरी से निकालने का लगाया आरोप

अपनी बीजेपी सरकार के कार्यकाल का जिक्र करते हुए जयराम ठाकुर ने कहा कि उन्होंने पांच साल बिना किसी गारंटी के सरकार चलाई. उन्होंने कहा, "हमने गृहिणी सुविधा योजना, 125 यूनिट फ्री बिजली, महिलाओं को बसों में आधा किराया, हिम केयर, सहारा योजना और 60 साल से ऊपर के बुजुर्गों को बिना आय सीमा के वृद्धा पेंशन जैसी दर्जनों जनहित की योजनाएं दीं. सरकार अच्छी नीयत से चलती है, गारंटियों से नहीं." उन्होंने सुक्खू सरकार पर कोविड योद्धाओं को नौकरी से निकालने का भी आरोप लगाया.

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नेता प्रतिपक्ष ने हिमाचल सरकार को घेरा

प्रेस के सवालों का जवाब देते हुए बीजेपी नेता जयराम ठाकुर ने हिमाचल सरकार को कई अन्य गंभीर मुद्दों पर घेरा. उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार "पत्रकारों पर मुकदमे करने के मामले में सारे रिकॉर्ड तोड़ चुकी है." उन्होंने 'जंगली मुर्गा' प्रकरण का उदाहरण देते हुए कहा कि अपराध करने वालों की जगह खबर लगाने वाले पत्रकारों पर कार्रवाई की गई.

'हिमाचल में चल रहा है सत्ता संरक्षित माफिया राज'

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि हिमाचल में "सत्ता संरक्षित माफिया राज" चल रहा है, जो अवैध खनन और दिनदहाड़े गोली चलाने में लिप्त है. उन्होंने सरकार पर धारा 118 में ढील देकर "हिमाचल के हितों को बेचने" पर अमादा होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि प्रदेश के दूर-दराज के इलाकों तक 'चिट्टा' (नशा) पहुंच गया है, जिस पर रोक लगाने में सरकार विफल रही है.