Himachal News: हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने आईपीएस अधिकारी संजय कुंडू और शालिनी अग्निहोत्री को बड़ा झटका दिया है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर दोनों अफसर ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में पूर्व आदेश वापस लेने के लिए रिकॉल एप्लीकेशन दाखिल की थी. इस रिकॉल एप्लीकेशन को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है.

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मामले में एसआईटी गठित करने के आदेश

इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में चीफ जस्टिस एम.एस. रामचंद्र राव की अगुवाई वाली खंडपीठ ने कारोबारी निशांत शर्मा से जुड़े मामले की जांच करने के लिए एसआईटी गठन करने के आदेश दिए हैं. इस एसआईटी की अध्यक्षता आईजी रैंक का अधिकारी करेगा. हाईकोर्ट ने मामले में 28 फरवरी तक स्टेटस रिपोर्ट तलब की है.

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IPS सतवंत अटवाल त्रिवेदी को डीजीपी का अतिरिक्त कार्यभार 

बता दें कि 26 दिसंबर, 2023 को कारोबारी निशांत शर्मा से जुड़े मामले में हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने संजय कुंडू को पुलिस महानिदेशक और शालिनी अग्निहोत्री को कांगड़ा पुलिस अधीक्षक के पद से हटाने के आदेश दिए थे. हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने यह आदेश निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए दिए थे. इसके बाद हिमाचल प्रदेश सरकार ने संजय कुंडू को 2 जनवरी, 2024 को डीजीपी के पद से हटकर आयुष विभाग का प्रिंसिपल सेक्रेटरी नियुक्त कर दिया. उनकी जगह जिम्मेदारी आईपीएस अधिकारी सतवंत अटवाल को दी गई. सतवंत अटवाल त्रिवेदी को डीजीपी का अतिरिक्त कार्य भर दिया गया.

राहत लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे आईपीएस संजय कुंडू

अगले ही दिन संजय कुंडू सुप्रीम कोर्ट से राहत ले आए. सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट को आदेश दिए कि वह इस मामले में डीजीपी संजय कुंडू का पक्ष सुने और दो हफ्ते में फैसला सुनाए. हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने संजय कुंडू के पक्ष को जाना और अपनी फैसले को बरकरार रखा. हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने कारोबारी निशांत शर्मा को अगले आदेशों तक सुरक्षा मुहैया करवाने के लिए भी कहा है. साथ ही सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दोनों अधिकारियों के खिलाफ सख्त टिप्पणी भी की है.

क्या है मामला?

गौरतलब है कि पालमपुर के कारोबारी निशांत शर्मा ने 28 अक्टूबर को हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार के नाम ई- मेल भेजकर अपनी जान को खतरा बताया था. निशांत शर्मा ने संजय कुंडू पर गंभीर आरोप लगाए थे. हाईकोर्ट की सख्ती के बाद पुलिस ने निशांत की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की थी. निशांत शर्मा ने अपनी शिकायत में कहा था कि उसे पालमपुर के एसएचओ ने शिमला जाकर संजय कुंडू से मिलने के लिए दबाव डाला.

कुंडू ने निशांत शर्मा के खिलाफ भी दर्ज करवाई थी FIR 

निशांत शर्मा ने संजय कुंडू को भी मेल भेजकर यह पूछा था कि उसे शिमला क्यों बुलाया जा रहा है? इस पर कुंडू ने निशांत शर्मा पर छोटा शिमला पुलिस स्टेशन में यह तर्क देकर एफआईआर दर्ज करवा दी कि झूठे आरोप लगाकर उनकी मानहानि की गई है. मामले में छह बार सुनवाई के बाद 21 दिसंबर को उच्च न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. 26 दिसंबर को उच्च न्यायालय ने अपना निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए संजय कुंडू और शालिनी अग्निहोत्री को पद से हटाने के लिए कहा था. आईपीएस अधिकारी संजय कुंडू आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हाईकोर्ट ने मामले के दोबारा सुनवाई की. अब कारोबारी निशांत शर्मा से जुड़े मामले में संजय कुंडू और शालिनी अग्निहोत्री को पद से हटाना होगा.

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