Himachal News: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. शिमला में बिजली बोर्ड कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बिजली बोर्ड के कर्मचारी ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली के साथ अपने प्रबंध निदेशक हरिकेश मीणा को पद से हटाने की मांग कर रहे हैं. हरिकेश मीणा के पास दो अन्य विभागों का भी काम है. ऐसे में कर्मचारियों के मुताबिक एमडी हरिकेश मीणा उनके बोर्ड की तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं. कर्मचारियों ने पूरे प्रदेश से शिमला में जुटकर सरकार को दम दिखाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी.


क्या हैं बिजली बोर्ड कर्मचारियों की मांग?


हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड कर्मचारी, इंजीनियर और पेंशनर ज्वाइंट फ्रंट के संयोजक लोकेश ठाकुर ने कहा कि अन्य सरकारी विभाग के कर्मचारियों की तरह उन्हें भी ओल्ड पेंशन स्कीम दी जाए. हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड के 52 साल के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ, जब कर्मचारियों का वेतन छह दिन की देरी से आया. जनवरी का वेतन कर्मचारियों को 6 जनवरी के दिन मिला, जबकि हर बार यह वेतन पहले ही तारीख को आ जाया करता था. इसके अलावा पेंशनर्स को भी अपनी पेंशन के लिए इंतजार करना पड़ा.


परेशानी में बिजली बोर्ड के कर्मचारी 


हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड के कर्मचारी अब अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं. अगर आने वाले महीनों में भी इसी तरह वेतन और पेंशन में देरी होती रही, तो उनके घर परिवार के रोजमर्रा के खर्च चलाने में परेशानी खड़ी हो जाएगी. कर्मचारियों ने अपनी जरूरत से जुड़े कई तरह के लोन ले रखे हैं. लोन की किस्त कटने की एक तय तारीख होती है. ऐसा न होने पर वक्त पर किस्त न कटने पर संबंधित बैंक अतिरिक्त राशि भी खाते से काट लेता है.


मांगें न मानने पर ब्लैक आउट की चेतावनी


हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड कर्मचारी, इंजीनियर और पेंशनर ज्वाइंट फ्रंट के संयोजक लोकेश ठाकुर ने कहा कि अगर सरकार उनकी मांग नहीं मानती है, तो कर्मचारी पेन डाउन स्ट्राइक पर चले जाएंगे. अगर फिर भी मांगे नहीं मानी गई, तो कैजुअल लीव पर जाने के बाद कर्मचारी ब्लैक आउट का रास्ता अपनाएंगे. हालांकि कर्मचारी ऐसा नहीं करना चाहते हैं, लेकिन अगर सरकार ने मांगें नहीं मानी तो उन्हें हिमाचल प्रदेश में ब्लैक आउट करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. बता दें कि अगर हिमाचल प्रदेश के बिजली बोर्ड कर्मचारी हड़ताल पर चले गए, तो घर-घर तक बिजली पहुंचना नामुमकिन हो जाएगा. ऐसे में हर बिजली उपभोक्ता के सामने परेशानी खड़ी हो जाएगी. बिजली बंद होने से हिमाचल प्रदेश के बड़े-बड़े उद्योग में काम भी ठप पड़ जाएगा.


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