Himachal Rain: हिमाचल प्रदेश में तबाही! भारी बारिश के कारण 606 सड़कें बंद, कंगना रनौत ने किया दौरा
Himachal Rain News: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण दो राष्ट्रीय राजमार्ग सहित 606 सड़कें बंद हो गई हैं. आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य बाधित हो रहे हैं और लोगों में चिंता बढ़ गई है.

हिमाचल प्रदेश में लगातार भारी बारिश जारी है. बारिश के कारण लोगों को कई तरह की परेशानीयों का सामना करना पड़ रहा है. आम जनजीवन अस्त-व्यस्त है. दो राष्ट्रीय राजमार्गों सहित कुल 606 सड़कें यातायात के लिए बंद हो गई हैं.
मौसम विभाग ने कई जिलों में तेज बारिश और हवाओं की चेतावनी जारी की है. बड़े बड़े पत्थर गिरने से सड़कें ब्लॉक होने से न सिर्फ परिवहन को बाधित है, बल्कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों पर भी असर डाल रही है.
बारिश और हवाओं ने बढ़ाई मुसीबत
मौसम विभाग के अनुसार शिमला, कांगड़ा, पालमपुर, मुरारी देवी और सुंदरनगर में गरज के साथ बारिश दर्ज की गई. वहीं ताबो और बजौरा में 33 से 35 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलीं.
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के मुताबिक एनएच-3 (अटारी-लेह मार्ग) और एनएच-503ए (अमृतसर-भोटा मार्ग) मुख्य प्रभावित राष्ट्रीय राजमार्ग हैं. कुल्लू में सबसे अधिक 203 सड़कें, मंडी में 198 और शिमला में 51 सड़कें बंद हैं. इससे राहत और बचाव कार्यों में भी देरी हो रही है.
कंगना रनौत ने किया दौरा, स्थानीय लोगों ने जताई नाराजगी
भारी बारिश के बीच गुरुवार को मंडी लोकसभा क्षेत्र की सांसद कंगना रनौत कुल्लू के पतलीकुहल दौरे पर पहुंचीं. इस दौरान उन्हें विरोध स्वरूप काले झंडे दिखाए गए और ‘कंगना वापस जाओ’ के नारे लगाए गए. कंगना ने मनाली के सोलंग और पलचान के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर नुकसान का आकलन किया और स्थानीय निवासियों से मुलाकात की.

पूर्व विधायक गोविंद सिंह ठाकुर ने उन्हें स्थिति की जानकारी दी. बताया गया कि खतरे में आए 15–16 घरों के परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया है. स्थानीय लोगों ने ब्यास नदी के किनारे हो रहे कटाव और भूस्खलन के खतरे को लेकर चिंता जताई तथा तत्काल नदी का मार्ग बदलने की मांग की.
मानसून में 424 मौतें, राहत कार्य जारी
मौजूदा मानसून सीजन में हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं का सिलसिला जारी है. राज्य में अब तक बादल फटने की 46, अचानक बाढ़ की 98 और बड़े भूस्खलन की 146 घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं. इनमें 424 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से 242 मौतें वर्षाजनित घटनाओं में और 182 सड़क दुर्घटनाओं में हुईं.
कुल 481 लोग घायल हुए हैं और 45 अब भी लापता बताए जा रहे हैं. प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें लगातार राहत एवं बचाव कार्यों में जुटी हैं, लेकिन बंद सड़कों और खराब मौसम के कारण काम की गति धीमी पड़ गई है.
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Source: IOCL
























