Himachal MLA Salary Hike: हिमाचल प्रदेश विधानसभा ने शुक्रवार (28 मार्च) को तीन विधेयकों को पारित करने के बाद सदन की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी. इन विधेयकों में मुख्यमंत्री, मंत्रियों, विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और विधायकों के वेतन में 18 से 27 प्रतिशत की बढ़ोतरी का प्रावधान किया गया है.
इससे सरकारी राजस्व पर सालाना करीब 24 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा. इस विधेयक में वेतन को पांच साल बाद संशोधन के लिए लागत मुद्रास्फीति सूचकांक से जोड़ने का भी प्रावधान किया गया है, जो 1 अप्रैल 2030 से प्रभावी होगा. इस संशोधन के कारण विधायकों को एक लाख रुपये से अधिक की अतिरिक्त धनराशि मिलेगी.
कांग्रेस और बीजेपी दोनों दलों के विधायकों ने मेजें थपथपाकर विधेयकों के पारित होने का स्वागत किया. ऐसे में अब विधायकों का मासिक वेतन 55,000 रुपये से बढ़ाकर 70,000 रुपये कर दिया गया है. निर्वाचन क्षेत्र भत्ता 90,000 रुपये से बढ़ाकर 1.20 लाख रुपये और कार्यालय भत्ता 30,000 रुपये से बढ़ाकर 90,000 रुपये कर दिया गया है.
सीएम का इतनी बढ़ा मासिक वेतन वहीं दैनिक भत्ता 1,800 रुपये से बढ़ाकर 2,000 रुपये किया जाएगा. मुख्यमंत्री का मासिक वेतन 95,000 रुपये से बढ़ाकर 1.15 लाख रुपये, जबकि कैबिनेट मंत्रियों का वेतन 80,000 रुपये से बढ़ाकर 95,000 रुपये किया गया है. मंत्रियों का वेतन 78,000 रुपये से बढ़ाकर 92,000 रुपये किया गया है. विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का वेतन क्रमशः 80,000 रुपये और 75,000 रुपये से बढ़ाकर क्रमश: 95,000 रुपये और 92,000 रुपये प्रति माह किया गया है.
9 साल बाद हुआ संशोधनइसके अलावा पहली बार विधायकों की मूल पेंशन 36,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये प्रति माह कर दी गई है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि मंत्रियों, विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के वेतन और विधायकों के वेतन और पेंशन को नौ साल बाद संशोधित किया गया है. इससे पहले संशोधन 2016 में किया गया था.
उन्होंने कहा कि लगभग 20,000 रुपये के टेलीफोन बिलों की प्रतिपूर्ति समाप्त कर दी गई है और विधायकों को पानी और बिजली पर मिलने वाली सब्सिडी भी वापस ले ली गई है. विधेयक में उल्लेख किया गया है कि मंत्रियों को दिए जाने वाले व्यय संबंधी अन्य भत्ते में एक साल के लिए 30 प्रतिशत की कटौती की गई है.