Martyr Amrik Singh Funeral: जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में छह दिन पहले एक दुर्घटना में जान गंवाने वाले हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के जवान अमरीक सिंह का सोमवार को अंतिम संस्कार किया गया. ऊना (Una) जिले के गन्नू मंडवाल गांव के हवलदार अमरीक सिंह को सैकड़ों लोगों ने अंतिम सलामी दी. सोमवार की सुबह पैतृक गांव की श्मशान भूमि में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अमरीक सिंह के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान ‘शहीद अमरीक सिंह अमर रहें’ के नारों के बीच उनके बेटे अभिनव कुमार और दो चाचा ने उन्हें मुखाग्नि दी.


इस बीच वहां अलग-अलग राजनीतिक दलों के नेता और जिला प्रशासन के अधिकारी भी उपस्थित थे. इससे पहले हवलदार अमरीक सिंह के पार्थिव शरीर को चंडीगढ़ से लाकर धार्मिक अनुष्ठान के लिए उनके घर ले जाया गया. भारतीय सेना के जवानों और स्थानीय ग्रामीणों की ओर से शव को श्मशान घाट ले जाया गया. 14वीं डोगरा रेजीमेंट की एक टुकड़ी ने हवा में गोलियां चलाकर उन्हें सलामी दी. अमरीक सिंह इसी रेजीमेंट में पदस्थ थे.


साल 2001 में सेना में भर्ती हुए थे अमरीक सिंह


आपको बता दें कि 39 साल के हवलदार अमरीक सिंह बीते मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में हुए हादसे में शहीद हो गए थे. अमरीक सिंह साल 2001 में सेना में भर्ती हुए. इन दिनों वह जम्मू कश्मीर के माछिल सेक्टर में तैनात थे. हादसे के बाद पहले चार दिनों तक खराब मौसम के कारण हवलदार अमरीक सिंह के पार्थिव शरीर को दुर्घटनास्थल से विमान से नहीं लाया जा सका. छह दिन बाद परिवार के पास शव पहुंचा. शहीद का र्पार्थिव शरीर घर पहुंचते ही चीख पुकार मच गई. इस दौरान शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा.


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