Himachal Pradesh News: अदानी समूह (Adani Group) के लिए मुसीबत थमने का नाम नहीं ले रही है. जहां एक ओर हिंडनबर्ग रिपोर्ट (Hindenburg Report) आने के बाद अदानी समूह को करोड़ों का नुकसान झेलना पड़ा. वहीं, कांग्रेस (Congress) भी अदानी समूह के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है. अब कांग्रेस शासित हिमाचल में सरकारी एजेंसियां भी अदानी समूह पर नजर रख रही हैं. बुधवार को हिमाचल प्रदेश में अदानी समूह के गोदाम पर एक्साइज एवं टैक्सेशन विभाग (Excise and Taxation Department) ने छापेमारी की. बुधवार देर शाम विभाग की साउथ इंफोर्समेंट टीम ने परवाणू में अदानी विल्मर के स्टोर पर दबिश दी. इसके बाद देर रात तक दस्तावेज खंगालने का सिलसिला चलता रहा. 

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एक्साइज डिपार्टमेंट ने अदानी विल्मर पर कार्रवाई करते हुए कंपनी के परवाणू गोदाम का जायजा लिया और दस्तावेज खंगाले. बताया जा रहा है कि टैक्स भुगतान को लेकर अदानी विल्मर समूह पर शक की सुई अटक रही है. ऐसे में संभव है कि हिमाचल में अदानी समूह को सरकारी एजेंसियों की जांच का सामना करना पड़े.

समूह के पास बड़ी सप्लाई चेनहिमाचल प्रदेश में अदानी समूह की कुल 7 कंपनियां काम कर रही है. अदानी समूह की यह कंपनियां प्रदेश में फ्रूट स्टोरेज कोल्ड स्टोरेज चेन सुविधाओं से लेकर किराने के सामान की सप्लाई में बड़ा हिस्सा रखती हैं. प्रदेश में सिविल सप्लाई से लेकर पुलिस विभाग में सामान सप्लाई भी अदानी समूह के जरिए होती है. कांग्रेस  पहले से ही अदानी के खिलाफ मोर्चा खोल कर बैठी है, ऐसे में अब देखना होगा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार अदानी समूह को लेकर क्या रुख अख्तियार करती है.

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सीमेंट प्लांट विवाद भी जोरों परउधर, अदानी समूह की दो सीमेंट प्लांट पहले ही बंद हैं. ट्रक ऑपरेटर यूनियन और अदानी समूह के बीच सामंजस्य बिठाने की सभी कोशिश फेल होती नजर आ रही हैं. एक तरफ अदानी समूह ने प्रोडक्शन का काम रोक दिया है तो वहीं, अब ट्रक ऑपरेटर भी माल-भाड़े को लेकर अपनी शर्तों को लेकर अड़ गए हैं. प्रदेश सरकार मध्यस्ता के जरिए मामला सुलझाने की कोशिश तो कर रही है, लेकिन अभी तक सरकार की सभी कोशिशें फेल होती नजर आ रही हैं.

सीमेंट प्लांट पर राजनीति तेजइधर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर पहले ही कह चुके हैं कि सीमेंट प्लांट बंद होने से प्रदेश सरकार को अब तक डेढ़ सौ करोड़ का नुकसान हो चुका है. ऐसे में प्रदेश सरकार के लिए स्थिति और ज्यादा खराब होती जा रही है. मामला सुलझने का नाम नहीं ले रहा है और मुख्यमंत्री तो पहले ही प्रदेश की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने की बात कह चुके हैं.

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