Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र 14 फरवरी से शुरू होगा. इससे पहले विधायक प्राथमिकता की बैठक राज्य सचिवालय में 29-30 जनवरी को होनी है. बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू करेंगे. इस बीच भारतीय जनता पार्टी ने विधायक प्राथमिकता की बैठक में शामिल न होने का फैसला लिया है. यह पहली बार है, जब विपक्ष के विधायक बैठक में शामिल नहीं होंगे.


नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मंडी में कहा कि हिमाचल प्रदेश के इतिहास में पहली बार मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली विधायक प्राथमिकता की बैठक में बीजेपी विधायक शामिल नहीं होंगे. बीजेपी विधायक ऐसा विरोध स्वरूप कर रहे हैं. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने विधायक क्षेत्र विकास निधि को बंद कर दिया है. बीएएसपी की एक किस्त तक जारी नहीं की जा रही है. मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना का बजट ऐच्छिक निधि की तरह चहेतों को बांटना शुरू कर दिया है. इसी वजह से बीजेपी विधायक इस बैठक में शामिल नहीं होंगे.


राज्यपाल से मिलेंगे बीजेपी के विधायक


इस बारे में भारतीय जनता पार्टी विधायक दल ने वर्चुअल रूप से आपात बैठक भी की. इस बैठक में फैसला लिया गया है कि 29 जनवरी को बीजेपी के सभी विधायक राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल से मुलाकात करेंगे. इस दिन राज्य सचिवालय में होने वाली बैठक में बीजेपी विधायक शामिल नहीं होंगे. बीजेपी के सभी 25 विधायक नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में राज्यपाल को अवगत करवाएंगे कि प्रदेश सरकार की ओर से विधायक निधि नहीं दी जा रही है. जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता वाली सरकार ने 50 लाख रुपए की अंतिम किस्त को रोक दिया है.


विधायक प्राथमिकता बैठक का बहिष्कार करेंगे 25 विधायक


हिमाचल प्रदेश विधानसभा में कुल 68 विधायक हैं. इनमें 40 विधायक कांग्रेस, 25 विधायक भाजपा और तीन विधायक निर्दलीय हैं. भारतीय जनता पार्टी के सभी 25 विधायक बैठक में शामिल नहीं होंगे. विधायक प्राथमिकता की बैठक में विधायक अपने क्षेत्र से जुड़े मुद्दों को बैठक में रखते हैं. विधायक प्राथमिकता की बैठक में होने वाली चर्चा को बजट में शामिल किया जाता है. ऐसे में इस बैठक की महत्ता को सहज ही समझा जा सकता है. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद जनवरी 2023 में हुए पहले शीतकालीन सत्र में भी विधायक निधि की आखिरी किस्त जारी किए जाने का मुद्दा उठाया उठा था, जो आचारसंहिता के चलते पूर्व सरकार जारी नहीं कर सकी थी.


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