Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश का पड़ोसी राज्य उत्तराखंड यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करने वाला पहला राज्य बन चुका है. इस बीच हिमाचल प्रदेश में भी यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर सियासी जंग की शुरुआत हो चुकी है.
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने रविवार को कहा कि अगर हिमाचल प्रदेश में भी भारतीय जनता पार्टी की सरकार होती, तो हिमाचल यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करने वाला दूसरा राज्य बन जाता. जयराम ठाकुर की इस सियासी गुगली ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की नेतृत्व वाली सरकार को परेशान तो किया, लेकिन सोमवार को ही तकनीकी शिक्षा मंत्री राज्य धर्माणी ने बीजेपी पर तुष्टीकरण के आरोप लगाते हुए पलटवार कर डाला.
जयराम ठाकुर पर धर्माणी का पलटवार
हिमाचल प्रदेश सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने आरोप लगाते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी धर्म के नाम पर राजनीति करती है. उन्होंने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड सुनने के लिए तो अच्छा लगता है और लोगों को आकर्षित करता है, लेकिन यह ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि हिंदुओं के रीति रिवाज भी अलग हैं. हर हिंदू धर्म में भी क्षेत्र के मुताबिक रीति रिवाज बदल जाते हैं. देश में उत्तर और दक्षिण में भी रीति-रिवाज अलग हैं. ऐसे में यूनिफॉर्म सिविल कोड व्यावहारिक नहीं है.
UCC व्यवहारिक नहीं है- धर्माणी
राजेश धर्माणी ने कहा कि अगर हम हिमाचल प्रदेश के संबंध में ही बात करें, तो हिमाचल प्रदेश में भी रीति रिवाज अलग-अलग हैं. हर जिले के रीति रिवाज भी अलग हो जाते हैं. शिमला में ही एक इलाके में रिवाज अलग होते हैं, जबकि दूसरे इलाके के रिवाज बदल जाते हैं.
उन्होंने कहा कि देश की अनेकता ही यहां की ताकत है. धर्माणी ने आरोप लगाते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी की राजनीति अल्पसंख्यक समूहों पर टारगेट के लिए होती है. धर्माणी ने कहा कि देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड संभव नहीं है. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी को इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए.
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